दोहा। कनाडा के फुटबॉल प्रशंसकों का पिछले 36 वर्षों से चला आ रहा लंबा इंतजार बुधवार को उस समय खत्म हो जाएगा जब उनकी टीम फीफा विश्व कप में मजबूत बेल्जियम का सामना करने के लिए मैदान पर उतरेगी। कनाडा 1986 के बाद पहली बार विश्वकप में खेल रहा है और उसका पहला मुकाबला ही बेल्जियम की टीम से है जो 2018 में सेमीफाइनल में पहुंची थी और अभी फीफा रैंकिंग में दूसरे नंबर पर काबिज है। कनाडा 36 साल पहले जब अपने पहले विश्वकप में खेला था तो वह एक भी गोल करने में नाकाम रहा था। उसे तब फ्रांस, हंगरी और सोवियत संघ से हार का सामना करना पड़ा था। अब कनाडा की अगुवाई नई पीढ़ी कर रही है जिसमें अल्फोंसो डेविस, जोनाथन डेविड और काइल लारिन जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। बेल्जियम और कनाडा के अलावा ग्रुप एफ में क्रोएशिया और मोरक्को की टीम भी शामिल हैं। इनमें बेल्जियम की टीम सबसे मजबूत नजर आ रही है जो 2018 में तीसरे स्थान पर रही थी। पिछले सात वर्षों से बेल्जियम की टीम कोच रॉबर्टो मार्टिनेज की देखरेख में खेल रही है और पिछले साल यूरोपीय चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में भी पहुंची थी। बेल्जियम की टीम में केविन डी ब्रुइन और एडेन हज़ार्ड तथा रोमेलु लुकाकू जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं और वे इस विश्वकप को अपने लिए यादगार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। डिफेंडर टोबी एल्डरविएरल्ड ने कहा कि आप जानते हैं कि बेल्जियम छोटा सा देश है इसलिए हमें खुशी है कि हमारे पास इस तरह की प्रतिभा है।