नई दिल्ली: के बीच सरकार ने रविवार को चौथे दौर की बातचीत में किसानों को कुछ फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव दिया। किसानों ने सरकार के इस को खारिज कर दिया है। किसान संगठनों ने सोमवार देर शाम शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र के प्रस्ताव को खारिज करते हुए अपनी आगे की रणनीति बताई। किसानों ने कहा कि हमने किसान संगठनों के साथ बैठक कर सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा की। सरकार ने जो प्रस्ताव दिया है उसमें कुछ दम नहीं है। इस प्रस्ताव से किसानों का कोई फायदा नहीं होगा। इसके साथ ही किसानों ने सरकार को मंगलवार तक का अल्टीमेटम दिया है। किसानों ने कहा है कि वे 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे।’MSP पर गारंटी देने से नहीं पड़ेगा अतिरिक्त बोझ’शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान नेताओं ने कहा कि हमने किसान संगठनों के साथ बैठक कर सरकार के प्रस्ताव पर फैसला लिया है। सरकार के प्रपोजल में कुछ नजर नहीं आ रहा। अगर इसे ध्यान से देखेंगे तो केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर सरकार MSP की गारंटी देती है, तो हमारा डेढ़ लाख करोड़ रुपये खर्च होगा। लेकिन संस्था के अनुसार, अगर सरकार सभी फसलों पर MSP देती है तो इसमें एक लाख 75 हजार करोड़ रुपये में काम चल सकता है। अगर सरकार इतना पैसा लगा रही है, तो सभी फसलों पर MSP देनी चाहिए। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, हमारी सरकार बाहर से 1.75 लाख करोड़ रुपये का वनस्पति तेल मंगाती है। ये बीमारी का कारण बन रहा है। अगर यही रुपया देश के किसानों को MSP देने के लिए खर्च करे, तो इससे काम बन जाएगा। यानी सरकार पर अलग से कोई बोझ नहीं पड़ेगा। सरकार ने ये कहा कि वह कुछ फसलों पर MSP देंगे। लेकिन उसकी भी कई सीमाएं। इन सभी बातों से यह निकलकर आता है कि इससे किसानों का कोई फायदा नहीं है। हमारी मांग है कि सरकार 23 फसलों पर MSP की घोषणा करे। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर हमने फैसला किया है कि ये सरकार का प्रस्ताव किसानों के हक में नहीं है इसलिए हम इसे खारिज करते हैं। ‘केंद्र सरकार की नीयत में खोट’प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने सरकार के प्रस्ताव को ठीक से समझा। सरकार की नीयत में खोट है। अगर उनकी नियत साफ होती, तो वे ऐसा न करते। हमरा पॉइंट क्लियर है हमें सभी फसलों पर MSP गारंटी चाहिए। अब सरकार को बताना है कि वो कर्ज माफी के मामले में क्या फैसला कर रही है। दूसरा सरकार के मंत्री बैठक का जो समय देते हैं उससे 3-4 घंटे बाद आते हैं। इससे से समझ में आता है कि सरकार किसानों को लेकर सीरियस नहीं है। पंजाब सरकार पर भी उठाए सवालइसके अलावा पंढेर ने कहा कि कल बॉर्डर पर हमारे एक किसान साथी शहीद हुए। पंजाब सरकार का अभी तक उसे लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है। न ही उनका पार्थिव शरीर मिला है। हमारी मांग है कि सरकार उनके परिवार को उचित मुआवजा और एक सरकारी नौकरी दे। पंजाब में जिस तरह से सात जिलों में इंटरनेट बंद किए गए हैं, उन्हें इसके बारे में स्पष्ट करना चाहिए। पंजाब में इंटरनेट बंद नहीं होना चाहिए। इससे बच्चों की पढ़ाई को नुकसान हो रहा है। ’21 फरवरी को करेंगे दिल्ली कूच’किसानों ने अपनी अगली रणनीति बताते हुए कहा कि हम 21 फरवरी को दोपहर 11 बजे दिल्ली कूच करेंगे। हम सरकार से अपील करते हैं कि हमारी मांगो मान लें। जब आप बैरिकेडिंग लगाकर रोका जा रहा है। हम भी इसी देश के नागरिक हैं, हमें शांति से आंदोलन करने दिया जाए। अभी आगे की कोई मीटिंग नहीं है। हालांकि हम बातचीत के लिए हमेशा सरकार हैं। किसान नेताओं ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि हमें शांति से आंदोलन करना है। वहीं हम सरकार से कहना चाहेंगे कि हमारी मांगों को मानें या फिर शांति से आंदोलन से करने दें।