किसानों ने लांघी ‘लक्ष्मण रेखा’, पुलिस न शंभू बार्डर दागे आंसू गैस के गोले, दूर तक छाया धुआं

चंडीगढ़: किसान आंदोलन के चौथे दिन एक बार फिर से पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। किसानों ने एक बार फिर से आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने कार्रवाई की। इसके चलते स्थिति एक बार फिर से तनावपूर्ण हो गई। हरियाणा पुलिस के जवानों ने किसानों को आगे नहीं बढ़ने दिया। किसान पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करके दिल्ली की तरफ से बढ़ना चाहते हैं। किसान संगठनों ने फैसला किया है जब तक सरकार के साथ बातचीत चल रही है तब किसान एक सीमा से आगे नहीं जाएंगे। तीन दौर की वार्ता विफलकिसान और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अब तक तीन दौर की बातचीत विफल हो चुकी है। शंभू बार्डर पर पुलिस की तरफ से कहा जा रहा है किसान धैर्य से काम लें, वे सरकार के साथ बातचीत से समाधान निकालें, आगे बढ़ने की कोशिश न करें। 15 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों की मौजूदगी में किसाना संगठन के प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी। इसके बाद कोई नतीजा नहीं निकल पाया था। आज संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद का बुलाया है। यह बंद 12 बजे से चार बजे तक के लिए था। रविवार को होगी अगली बैठक फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून की मांग कर रहे किसान दिल्ली कूच करना चाहते हैं, जबकि सरकार की दलील है कि जब बातचीत जारी है तो किसान राजधानी की तरफ रुख न करें। किसान संगठनों और सरकार के बीच अगले दौर की बातचीत रविवार शाम को रखी गई है। अब देखना यह है कि कोई रास्ता निकलता है या फिर नहीं। किसान आंदोलन को पंजाब सरकार पूरी तरीके से समर्थन दे रही है तो वहीं हरियाणा सरकार का कहना है कि किसानों को दिल्ली की तरफ से बढ़ने से रोक रही है। हरियाणा और दिल्ली के बॉर्डरों पर भी किसानों को रोकने के इंतजाम किए गए हैं।17 फरवरी को सिसौली में बैठक भारत बंद के बीच भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है। टिकैत ने कहा है कि किसान आंदोलन को लेकर 17 फरवरी को मुजफ्फरपुर के सिसौली में होने वाली पंचायत में रणनीति तैयार की जाएगी। टिकैट ने कहा कि सरकार अपने वादों से मुकर गई है। किसानों को अपने अधिकार के लिए फिर से आंदोलना करना पड़ रहा है।