सफदरजंग के कम्युनिटी मेडिसिन के एचओडी डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि चीन ने सबसे पहले वैक्सीन देना शुरू किया था। उन्होंने भी डेड वायरस से वैक्सीन बनाई थी और सबसे पहले 200 करोड़ डोज देने का दावा किया था। चूंकि उनकी वैक्सीन की क्षमता कम थी और वह शुरू में फैले कोविड के अल्फा स्ट्रेन के दौर में बनी थी, इसलिए जब वायरस का स्ट्रेन बदला तो संक्रमण नहीं रुका। वहीं, भारत में 95% लोगों में हाइब्रिड इम्युनिटी है यानी उनके पास बीमारी के बाद आई कुदरती प्रतिरोधक क्षमता होने के साथ टीके की इम्युनिटी भी है, जो बहुत सक्षम है। यही वजह है कि देश में कोरोना है, लेकिन इसका असर कम है।
चीन में कोरोना की क्या है स्थिति NBT संग समझें
- चीन में कौन-सा वेरिएंट मचा रहा है तबाही?चीन में ओमिक्रॉन का वेरिएंट नई लहर के लिए जिम्मेदार है। यह पहले कोविड से संक्रमित हो चुके लोगों और टीका लगवा चुके लोगों को भी बीमार बना रहा है। यह एक शख्स से दूसरे में कहीं जल्दी ट्रांसफर होता है। लक्षण भी पुराने वेरिएंट्स के मुकाबले जल्दी सामने आ जाते हैं।
- कितना खतरनाक है BF.7 वेरिएंट?BF.7 का री-प्रॉडक्शन नंबर (RO) 10-18.6 है। यानी इस वेरिएंट से प्रभावित मरीज औसतन 10 से 18.6 लोगों तक कोरोना फैलाने में सक्षम है। आमतौर पर ओमिक्रॉन का औसतन RO 5.08 पाया गया है। शायद यही वजह है कि चीन में कोरोना केस घंटों में दोगुने हो रहे हैं।
- इस वेरिएंट के लक्षण क्या हैं?BF.7 के लक्षणों में सर्दी, खांसी, बुखार, गले में खराश, हरारत, उल्टी, दस्त, कमजोरी, हरारत, थकान लगना शामिल हैं। कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों के लिए यह घातक साबित हो सकता है।
- पूरी दुनिया में कहां-कहां फैला BF.7?BF.7 वेरिएंट के केस भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, बेल्जियम, फ्रांस और डेनमार्क में भी देखे गए हैं। चीन की तुलना में इन देशों में यह वेरिएंट सामान्य ही रहा है। अमेरिका में 10 दिसंबर तक कुल संक्रमण में इसकी भागीदारी महज 5.7 फीसदी थी। जानकारों का कहना है, कमजोर इम्युनिटी और वैक्सीनेशन का न होना, चीन में इसके तेजी से फैलने की वजह हो सकता है।