मुंबई में चल रहा था 4672 करोड़ का फर्जी शेयर बाजार, जानें कैसे पकड़ा गया डब्बा ट्रेडिंग चलाने वाला जतिन मेहता

मुंबई: शेयर मार्केट के समानांतर मुंबई में एक डमी शेयर मार्केट चला रहे शख्स जतिन मेहता को कांदिवली के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी राज तिलक रौशन ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने आरोपी के पास से 5 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक राउटर, एक टैब, एक पैन ड्राइव और काफी कैश भी जब्त किया है। आरोपी के बारे में क्राइम ब्रांच को NSE और MCX की टीम से काफी इनपुट्स मिले थे। डीसीपी के अनुसार, इस तरह की ट्रेडिंग को डिब्बा ट्रेडिंग भी कहा जाता है। जतिन मेहता की इस अवैध ट्रेडिंग में मार्च, 2023 से 20 जून, 2023 तक करीब 4672 करोड़ रुपये का टर्न ओवर हुआ। टैक्स न मिल पाने की वजह से सरकार को करीब एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।केस के जांच अधिकारी अभिजीत जाधव ने इस डमी शेयर मार्केट और आरोपी के काम करने की पूरी मोडस ऑपरेंडी की विस्तार से जानकारी दी। उसने MOODY नाम का एक ऐप बनाया था। उसके खुद के शेयर मार्केट का पूरा कारोबार हवाला के जरिए चलता था।कंपनियों के अलग-अलग आते थे शेयर भाव आरोपी लोगों को अपने ऐप का पासवर्ड देता था। जिस तरह शेयर ब्रोकरों को रोल होता है, वैसा ही बहुत कुछ जतिन मेहता का भी था। उन सभी से उसने 50-50 हजार रुपये डिपॉजिट के रूप में भी ले रखे थे। उसके ऐप में जाने पर सुबह-सुबह और दिनभर अलग-अलग कंपनियों के शेयर भाव आते रहते थे। लोग उसके जरिए शेयर खरीदते थे, बेचते भी थे। ऐप में ही रोज के लेन-देन की डिटेल रखी जाती थी, लेकिन हिसाब हर गुरुवार को ही होता था।कैश में देता था रकमयदि किसी को शेयर में प्रॉफिट हुआ, तो जतिन अपना शेयर ब्रोकज का कमिशन काटकर कैश में सामने वाले को रकम भिजवा देता था। यदि किसी को शेयर में नुकसान हुआ, तो उसकी डिपॉजिट की रकम से वह पैसा काट लिया जाता था। लेकिन सामने वाले से उतनी रकम फिर मांग ली जाती थी, ताकि डिपॉजिट हमेशा 50 हजार रुपये बरकरार रहे। चूंकि उसके कस्टमर सैकड़ों में थे, इसलिए उसके पास डिपॉजिट में काफी रकम जमा रहती थी।टैक्स का फायदाइस डमी शेयर मार्केट में प्रॉफिट होने पर सामने वाले को टैक्स का भी बहुत फायदा होता था। किसी ने साल भर में 15 से 20 लाख रुपये की इनकम की, तो उसे 15 से 30 प्रतिशत तक इनकम टैक्स देना पड़ता है। लेकिन इस डमी शेयर मार्केट में चूंकि पूरा कारोबार ही हवाला और कैश से होता था, इसलिए शेयर से प्रॉफिट करने वाली पार्टी को कोई इनकम टैक्स देना ही नहीं पड़ता था। लीगल शेयर ट्रेडिंग में निवेशक को ब्रोकर चार्ज के अलावा कमोडिटी ट्रांसजैक्शन टैक्स (CTT) और सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) भी देना होता है।ऐसे शेयर बाजार को कहते हैं डब्बा ट्रेडिंगमुंबई में फर्जी शेयर बाजार को डब्बा ट्रेडिंग भी कहा जाता है। यह शेयरों में ट्रेडिंग का अवैध मॉडल है। इसमें ट्रेडिंग रिंग चलाने वाले स्टॉक एक्सचेंज प्लैटफॉर्म के बाहर अवैध तरीके से इक्विटी में व्यापार करवाते हैं। ये तय रिटर्न का लालच देते हुए कोई ऐप बना लेते हैं। फिर हवाला से पैसे का लेनदेन करते हैं ताकि इनकम टैक्स की नजर से बचे रहें। लोगों को लगता है कि वे शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं। असल में वह फर्जीवाड़ा होता है।