Exclusive: सूरज के अस्त होते ही बिहार का ये इलाका बन जाता है मिनी गोवा, रोजाना सजती है महफिल

कटिहार : बिहार में एक मिनी गोवा भी है। समंदर को छोड़कर लगभग सारी सुविधाएं सकरी गलियों में मौजूद हैं। शाम होते ही इन झोपड़ीनुमा अहाते के अंदर लोग खींचे चले आते हैं। पटना से 400 किलोमीटर दूर कटिहार के इस इलाके में न तो नीतीश सरकार के शराबबंदी कानून का खौफ और ना ही पुलिस का डर। यहां सबकुछ खुल्लमखुला…बिना पर्दा का होता है। इस महफिल में कोई भी आ सकता है, सबका स्वागत होता है। टेबल, कुर्सी, चौकी हर तरह का इंतजाम है। जहां मौका मिले… बैठ जाइए। बस एक ही शर्त है कि जेब भारी होनी चाहिए। फिर तो सबकुछ आपकी मुट्ठी में है।

एनबीटी ऑनलाइन का ‘उड़ता कटिहार पार्ट-2’

कहने का मतलब ये है कि बिहार में शराबबंदी के बाद भी कटिहार में इस कानून का पालन नहीं हो रहा है। वरना इस स्टिंग ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती। शाम ढलते ही इन गलियों में ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं आती। इन गलियों में आ जाने के बाद पुलिस-प्रशासन का भय भी खत्म हो जाता है। यहां पर केवल माफिया का राज चलता है। शाम ढलते ही हर घर मयखाने में तब्दील हो जाता है। जाम से जाम टकराने शुरू हो जाते हैं। सड़क पर शराबियों का जमावड़ा लग जाता है। पुलिस की टीम जब भी छापेमारी करने आती है, उसे कुछ भी नहीं मिलता है। यहां पर कहा जाता है कि पुलिसिया सूत्र से माफिया के सूत्र के हाथ काफी लंबे हैं।

कटिहार के कोरिया टोली में चल रहा माफिया राज!

कटिहार के नगर थाना क्षेत्र में कोरिया टोली नाम की बस्ती है। जहां हर घर में शाम होते ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है। पूरा मोहल्ला मिनी गोवा में तब्दील हो जाता है। जब एनबीटी ऑनलाइन की टीम इलाके में पहुंची तो देखा कि सड़क किनारे शराबियों का जमावड़ा है। घरों के सामने लोग खड़े हैं, जो लोगों को शराब मुहैया करा रहे थे। जब हमारी टीम इन अहातों के अंदर दाखिल हुई तो देखा की पूरे धंधे को महिलाओं ने संभाल रखा है। बीयर से लेकर पाउच और चखना से लेकर पानी तक की रेट बता रहीं हैं। शराबियों का जमावड़ा है। पूछने पर इन लोगों ने बताया कि वो लोग बंगाल से शराब लेकर आते हैं।

बंगाल से वाया ट्रेन मनियां, फिर सीधे कोरिया टोली

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कटिहार के कोरिया टोली में बंगाल के रास्ते शराब पहुंचती कैसे है? तो जान लीजिए…शराब की तस्करी का मुख्य कॉरिडोर कटिहार का मनियां स्टेशन हाल्ट है, जो शराब तस्करों के लिए जन्नत बना हुआ है। बंगाल से आने वाली ट्रेनों में चोरी-छिपे शराब लाकर इसी स्टेशन पर तस्कर उतरते हैं। इसके बाद उनका ठिकाना होता है कोरिया टोली। मनियां ही नहीं डंडखोरा स्टेशन के जरिए भी शराब कोरिया टोली पहुंचती है। दोनों रेलवे स्टेशन शराब माफिया के लिए कॉरिडोर का काम कर रहा है।

बंगाल से तस्करी कर शराब लाया जाता है कटिहार

एनबीटी ऑनलाइन की टीम ने बंगाल से आने वाली ट्रेनों का इंतजार किया। ट्रेन के मनियां हॉल्ट पहुंचते ही शराब माफिया उतरते दिखा। ट्रेन की पटरी के रास्ते शराब से भरे बैग खुलेआम ले जाते नजर आया। इस काम में ज्यादातर नाबालिगों का इस्तेमाल किया जाता है। मनियां में एक नाबालिग लड़का स्कूल बैग में शराब भरकर जाते दिखा। वैसे पहली नजर में अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। दूर से कोई बड़ा शख्स उस बच्चे पर नजर रखता है। कैमरे में वो शख्स भी कैद हुआ। वो अपने साथ एक झोला लिए हुए था। थोड़ी बकझक के बाद जब नाबालिग का बैग खोला गया तो उसमें बीयर की केन थी। इस तरह कई ट्रिप बंगाल से बिहार का तस्कर लगाते हैं।