Exclusive : ये तो रहा रुड़की, अभी पहुंच जाऊंगा… देर रात जाने से रोकने पर यह कहकर दिल्ली से चले थे पंत

नई दिल्ली: ड्राइविंग के शौकीन ऋषभ पंत गुरुवार रात करीब 12 बजे जब दिल्ली से रुड़की के लिए रवाना हो रहे थे, तब उन्हें उनके करीबियों ने इतनी रात को जाने से मना किया था। यह भी कहा कि किसी को साथ में ले लें। लेकिन, पंत का कहना था-ये तो रहा रुड़की, अभी पहुंच जाऊंगा। हालांकि, होनी को कुछ और ही मंजूर था।

चिंता की बात नहींपंत के पुराने क्लब सोनेट के कोच देवेंद्र शर्मा ने बताया कि दिल्ली प्रवास के दौरान ऋषभ अमूमन उनके साथ होते हैं। वह गुरुवार को दिल्ली में नहीं थे। अगर वह दिल्ली में होते तो इतनी रात को उन्हें जाने ही नहीं देते। उन्होंने कहा, ‘मैंने कई बार ऋषभ से कहा था कि गाड़ी खुद न चलाया करें। ड्राइवर हमेशा साथ रखें। लेकिन उन्हें गाड़ी चलाने का काफी शौक है। वह पहले भी कई बार रुड़की अकेले जा चुके हैं। मैं उनकी मां से संपर्क में हूं। उनकी अभी तक की सारी रिपोर्ट्स सही हैं और चिंता जैसी कोई बात नहीं है।’

बस ड्राइवर,कंडक्टर ने की मददजिस समय पंत की कार दुर्घटनाग्रस्त हुई, वहां से हरियाणा रोडवेज की बस गुजर रही थी। बस के ड्राइवर सुशील सिंह और कंडक्टर परमजीत ने पुलिस और नैशनल हाईवे इमर्जेंसी नंबर पर दुर्घटना की सूचना दी। उस समय पंत खून से लथपथ थे लेकिन होश में थे। उन्होंने खुद ड्राइवर और कंडक्टर को अपने बारे में बताया। 15-20 मिनट के भीतर एंबुलेंस आ गई और फिर उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

प्रत्‍यक्षदशिर्यों के मुताबिक ऋषभ की कार रेलिंग से जा टकराई, जिसके बाद कार में आग लग गई। ऋषभ पंत कार खुद ही चला रहे थे। यह भी कहा जा रहा है कि पंत सीट बेल्ट नहीं पहने थे। इसलिए वह सुरक्षित बाहर निकलकर आ गए। अगर सीट बेल्ट पहने होते तो कार में आग लगने के बाद वह झुलस सकते थे। गुरुकुल नारसन के समीप जहां कार हादसा हुआ वहां एक डेयरी में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है।