नई दिल्ली : एक्ट्रेस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा। बाद में पता लगा कि यह उनका वीडियो नहीं है। यह था जिसमें शरीर किसी और का चेहरा रश्मिका का लगा हुआ था। सोशल मीडिया पर लोग तो पहली बार में इस वीडियो की असलियत को पहचान ही नहीं पाए। इसमें एक्सप्रेशन बिल्कुल रीयल लग रहे थे। इस वीडियो को एआई की मदद से तैयार किया गया था। हालांकि, रश्मिका पहली सेलिब्रिटी या महिला नहीं हैं जो इस खतरनाक तकनीक का शिकार हुई हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से लेकर कई बड़े नाम हैं जो डीपफेक वीडियो का शिकार हो चुके हैं। अब रश्मिका के वायरल हो रहे वीडियो के बाद से एक बार एआई के खतरनाक यूज को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। एआई तकनीक बंदर के हाथ में उस्तरे के समान है। इससे किसका कब, कितना नुकसान हो जाएगा उसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है। महज कुछ सेंकड और जिंदगी बर्बादएआई के जरिये जिस तरह से डीपफेक वीडियो और फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल किए जा रहे हैं इसने लोगों को बुरी तरह से डरा दिया है। किसी को नहीं पता कि कब उसकी यह AI नाम की तकनीक उसकी जिंदगी को बर्बाद कर दे। AI के लिए भले ही यह महज कुछ सेकंड काम हो लेकिन जिससे यह जुड़ा होता है उसकी जिंदगी भर का दाग दे सकता है। इस तरह के वीडियो का इस्तेमाल ठगी में भी खूब किया जा रहा है। डीपफेक को सच का झूठ और झूठ को सच दिखाने की ताकत रखता है। इस तरह के डीप फेक वीडियो के जरिये समाज में दुष्प्रचार के साथ ही अफवाह भी फैलाई जाती हैं। इस तरह से डीपफेक एक ऐसा हथियार बन गया है जिसके जरिये भ्रामक और झूठे तरीकों से सूचनाओं को तेजी से फैलाया जा सकता है। इसके जरिये व्यक्तियों से लेकर संस्थाओं तक को निशाना बनाया जा सकता है। डीपफेक पर क्या कह रही सरकार?डीपफेक वीडियो को लेकर इलेक्ट्रोनिक और टेक्नोलॉजी केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अप्रैल, 2023 में अधिसूचित आईटी नियमों के तहत यह सुनिश्चित करना प्लेटफ़ॉर्म के लिए एक कानूनी दायित्व है कि किसी भी यूजर्स की तरफ से कोई गलत सूचना पोस्ट न की जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी यूजर या सरकार की तरफ से रिपोर्ट किए जाने पर, गलत सूचना को 36 घंटों में हटा दिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि प्लेटफॉर्म इसका अनुपालन नहीं करते हैं, तो नियम 7 लागू होगा। साथ ही आईपीसी के प्रावधानों के तहत पीड़ित व्यक्ति की तरफ से प्लेटफॉर्म को अदालत में ले जाया जा सकता है। डीप फेक गलत सूचना का लेटेस्ट और उससे भी अधिक खतरनाक और हानिकारक रूप है और प्लेटफार्मों की तरफ से इससे निपटने की जरूरत है। एक साल में ही करीब 1.5 लाख डीपफेक वीडियोवाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार एआई का उपयोग कर आसानी से फर्जी तस्वीरें और डीपफेक वीडियो बनाए जा रहे हैं। इसमें किसी के बॉडी पर किसी दूसरे का चेहरा लगा दिया जा रहा है। एनालिस्ट जेनेवीव ओह के अनुसार एआई से बनाई गई फोटो अपलोड करने वाली टॉप 10 वेबसाइट पर साल 2018 के बाद से फेक न्यूड फोटो में करीब 300 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। डीपफेक वीडियो के लिए फेमस 40 वेबसाइट को देखने के बाद यह सामने आया कि साल 2023 में ही करीब 1.50 लाख वीडियो अपलोड किए गए हैं। डीपफेक के निशाने पर कौन?डीपफेक के दुर्भावनापूर्ण उपयोग का पहला मामला पोर्नोग्राफी में सामने आया था। सेंसिटी.एआई के अनुसार, 96% डीपफेक अश्लील वीडियो हैं। इन्हें अश्लील वेबसाइटों पर 13.5 करोड़ से अधिक बार देखा गया है। डीपफेक पोर्नोग्राफी विशेष रूप से महिलाओं को टारगेट करती है। इसके जरिये किसी को अश्लील डीपफेक धमकी दे सकते हैं, डरा सकते हैं। साथ ही उसे मनोवैज्ञानिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। डीपफेक वीडियो महिलाओं को इमोशनली नुकसान पहुंचाने के साथ ही उन्हें सेक्सुअल ऑब्जेक्ट्स तक सीमित कर देता है। ये कुछ मामलों में, वित्तीय नुकसान और नौकरी छूटने जैसे आकस्मिक परिणामों का कारण बनता है। दुनिया भर के एक्सपर्ट्स जता रहे चिंतापिछले महीने ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेफ्टी को लेकर दुनिया का पहला बड़ा शिखर सम्मेलन ब्रिटेन में हुआ था। इसमें अमेरिका, यूके, चीन समेत 28 देशों के नेताओं के साथ ही रिसर्चर्स और टेक्नोलॉजी से जुड़े एक्सपर्ट शामिल हुए। समिट में मुख्य फोकस अत्याधुनिक एआई मॉडल से जुड़े जोखिमों का आकलन करना था। साथ ही इसके जरिये जनता की भलाई के लिए एआई सुरक्षा बढ़ाने के लिए नीति निर्माताओं और हितधारकों के लिए रणनीति तैयार करना था। इसमें एआई से जुड़े खतरे को लेकर सहयोगात्मक प्रयासों और साझा निरीक्षण ढांचे की स्थापना की जरूरत को रेखांकित किया गया। इसमें सामान्य एआई जोखिमों की पहचान करना और इन जोखिमों की गहरी वैज्ञानिक समझ को बढ़ावा देना था। साथ ही खतरों को कम करने के लिए क्रॉस-कंट्री नीतियां विकसित करने की भी बात कही गई। …तब मैं क्या करती कल्पना नहीं कर सकतीइस पूरे मामले में एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना ने कहा कि इसे शेयर करते हुए मुझे वास्तव में दुख हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे ऑनलाइन फैलाए जा रहे मेरे डीपफेक वीडियो के बारे में बात करनी पड़ रही है। रश्मिका ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो, ऐसा कुछ न केवल मेरे लिए, बल्कि हममें से हर एक के लिए बेहद डरावना है, जो आज बहुत अधिक नुकसान की चपेट में है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का किस तरह से मिसयूज किया जा रहा है। रश्मिका ने कहा कि आज, एक महिला और एक एक्ट्रेस के रूप में, मैं अपने परिवार, दोस्तों और शुभचिंतकों की आभारी हूं जो मेरी सुरक्षा और सपोर्ट सिस्टम हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन अगर यह मेरे साथ तब हुआ जब मैं स्कूल या कॉलेज में थी, तो मैं वास्तव में कल्पना नहीं कर सकती कि मैं इससे कैसे निपटती। रश्मिका ने कहा कि हमें इस तरह की पहचान की चोरी से प्रभावित होने से पहले एक समुदाय के रूप में और तत्काल इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।