मागो (अरुणाचल प्रदेश): लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) की चौकियों पर निगरानी और जानकारी जुटाने के लिए खुफिया अधिकारियों की एक अडिशनल टीम तैनात की जाएगी। एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि केंद्र सरकार ने चौकियों की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसे बॉर्डर इंटेलिजेंस पोस्ट (BIP) के नाम से जाना जाएगा। सीमा पर बढ़ती चीनी गतिविधियों और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सीमा उल्लंघन को देखते हुए यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारतीय सेना और PLA के बीच जून 2020 से लद्दाख में गतिरोध जारी है। एक सूत्र ने बताया कि हर BIP पर खुफिया ब्यूरो के चार-पांच अधिकारी तैनात रहेंगे और ITBP के जवान उनकी सुरक्षा करेंगे। सूत्र ने बताया कि जिन कर्मियों को BIP पर तैनात किया जाएगा, वे सीमा पार की गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उच्च अधिकारियों और सरकार के साथ ताजा जानकारी साझा करेंगे। भारत-चीन की सीमा पर ITBP की लगभग 180 सीमा चौकियां हैं।जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में पीएलए के साथ झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। पिछले साल नौ दिसंबर को पीएलए सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के यांगस्टे में सीमा का उल्लंघन किया था, जिसके कारण दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई और दोनों पक्षों के सैनिक घायल हुए। सोमवार को एक समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कोई देश तब सुरक्षित होता है, जब उसकी सीमाएं सुरक्षित होती हैं। अरुणाचल पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रिजिजू ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक भी गांव ऐसा नहीं बचा है जहां वाहन नहीं पहुंच सकते। इन सीमावर्ती गांवों को पहले उपेक्षित किया गया था। मैं आपको यह भी आश्वासन देता हूं कि अगले छह महीनों में अरुणाचल प्रदेश के सभी सीमावर्ती गांवों में 5जी मोबाइल कनेक्टिविटी होगी।’