‘स्वामी प्रसाद पर चंद्रगुप्त मौर्य भी शर्मिंदा होंगे’, ऋतेश्वर महाराज बोले- हर भारतीय का DNA हिंदू

सनातन के प्रचार प्रसार के लिए पदयात्रा कर रहे उत्तर प्रदेश में वृंदावन धाम के संत ऋतेश्वर महाराज उज्जैन पहुंचे हैं. सर्किट हाउस में उन्होंने अपनी यात्रा के संबंध में मीडिया से बात की. कहा कि स्वामी प्रसाद की टिप्पणी निंदनीय है. उनकी टिप्पणी से उनके पुरखे चंद्रगुप्त मौर्य भी शर्मिंदा हो रहे होंगे. वृंदावन में श्री आनंदम धाम ट्रस्ट के पीठाधीश्वर सद्गुरु ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य राजनीतिक व्यक्ति हैं. उनको टिप्पणी का अधिकार है. उन्हें यह अधिकार संविधान में दिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से मिलती है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह कुछ भी बोलें.
ऋतेश्वर महराज ने कहा कि रामचरित मानस पर उनकी टिप्पणी उनके घटिया सोच और घटिया राजनीति को दर्शाती है. इस टिप्पणी पर तो उनके पुरखे चंद्रगुप्त मौर्य भी शर्मिंदा हो रहे होंगे. उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद को बड़बोला करार देते हुए कहा कि कभी किसी दूसरे मजहब पर भी इस प्रकार की टिप्पणी करके देख लें. उनकी औकात पता चल जाएगी कि वह कितने स्वामी हैं और कितने प्रसाद. राजनीति में धर्म के सवाल पर उन्होंने कहा कि धर्म और राजनीति को पानी और चीनी की तरह मिलाकर शरबत बना देना चाहिए. कहा कि धर्म का अर्थ सत्य धारण करना और न्याय के साथ शासन चलाना है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि रावण विद्वान था, परंतु अधार्मिक रूप से राजनीति करता था. वहीं भगवान राम विद्वान और ईश्वर हैं और धार्मिक रूप से राज्य करते हैं. इसलिए हमेशा से रामराज्य की परिकल्पना की गई है, न कि रावण राज्य की.
हर भारतीय का डीएनए हिंदू
ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि भारत में रहने वाले सभी भारतीय हैं. सभी हिंदुस्तानी हैं और हर भारतीय का डीएनए हिंदू है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हिंदू जीवन जीने की पद्धति है. यह कोई मत या संप्रदाय नहीं है. लेकिन अज्ञानता, अशिक्षा और वोट की राजनीति के कारण हिंदू को एक धर्म कहकर संबोधित किया जा रहा है. पूजा की पद्धति अलग हो सकती हैं, लेकिन धर्म अलग नहीं हैं. यह एक हिंदू राष्ट्र था, है और हमेशा रहेगा. ऋतेश्वर महाराज ने भारत की शिक्षा पद्धति पर भी निशाना साधा. कहा कि देश की शिक्षा पद्धति में सुधार होना चाहिए. जब प्रत्येक अल्पसंख्यक धार्मिक लोगों का अपना पर्सनल बोर्ड है तो बहुसंख्यक हिंदू सनातनियों का अपना शिक्षा बोर्ड क्यों नहीं है. सनातन शिक्षा बोर्ड का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए. क्योंकि जब पूरे जड़ में दीमक लगा हो तो ऊपर ऊपर उपचार से कुछ नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्र व देश को बदलना है तो पूरी शिक्षा पद्धति में बदलाव करना होगा. इसके लिए हमारी सनातनी शिक्षा नीति लानी होगी.
राहुल गांधी पर बोले
ऋतेश्वर महाराज ने राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा पर भी बयान दिया. कहा कि इस यात्रा के बाद राहुल गांधी में क्या बदलाव आया, इसकी जानकारी जल्द सामने आएगी. कहा कि देश में रह रहे किसी भी व्यक्ति को धर्म पालन का अधिकार है. विदेश के लोग आकर यहां मथुरा, वृंदावन में रहते है. कंठी माला पहनते हैं. वहां की महिलाएं साड़ी पहन रही हैं. विदेशों में कृष्ण के बड़े बड़े मंदिर बन रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने बागेश्वर सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर भी टिप्पणी की. कहा कि उनके पास खुद लोग चलकर आते हैं. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा चमत्कार है ज्ञान. मैं सिद्धि से इंकार नहीं करता. इनकार करने का मतलब रामायण महाभारत को नकारना पड़ेगा. सिद्धि का मतलब एक विशेष विद्या है.