लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां बिजली दरें बढ़ाने की तैयारी चल रही है, वहीं नए कनेक्शन भी महंगे करने की तैयारी है। प्रदेश में बिजली कनेक्शन लेना 15 फीसदी तक महंगा हो सकता है। बिजली कनेक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों जैसे पोल, तार, खंभे, ट्रांसफॉर्मर की कीमतों में बढ़ोतरी की तैयारी पावर कॉरपोरेशन कर रहा है। जल्द ही पावर कॉरपोरेशन और उपभोक्ता परिषद की चर्चा के बाद नई रेट लिस्ट का प्रस्ताव राज्य विद्युत नियामक आयोग को भेजा जाएगा। हालांकि, नई कॉस्ट डेटा बुक में 5 किलोवॉट से कम लोड वाले उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिल सकती है। 2019 के बाद यह पहला मौका होगा, जब कॉरपोरेशन कॉस्ट डेटा बुक की दरों में बदलाव की तैयारी कर रहा है।5 किलोवॉट तक का बिजली कनेक्शन लेना होगा सस्ताप्रदेश में इन दिनों बड़े पैमाने पर बिजली कनेक्शनों को नियमित करने का अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में पावर कॉरपोरेशन नहीं चाहता है कि छोटे उपभोक्ताओं का कनेक्शन महंगा किया जाए। यही वजह है कि 5 किलोवॉट तक के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का कनेक्शन महंगा नहीं करने पर विचार किया जा रहा है। इस श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए सिक्यॉरिटी मनी, मीटर कॉस्ट और लेबर चार्ज में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा। हालांकि 5 किलोवॉट से अधिक लोड का कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं की दरों में 5 फीसदी से 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी होगी।ज़रूरत के मुताबिक छोटे ट्रांसफॉर्मर लगवा सकेंगेनई कॉस्ट डेटा बुक में कुछ बदलाव भी होंगे। इसमें बिजली उपभोक्ताओं को 10 केवीए, 16 केवीए तक के ट्रांसफॉर्मर से कनेक्शन लेने की छूट होगी। मौजूदा समय में 10 केवीए और 16 केवीए ट्रांसफॉर्मर से कनेक्शन लेने की छूट नहीं है। इसका फायदा छोटे उपभोक्ताओं को होगा। आमतौर पर नई छोटी कॉलोनियों में रहने वाले लोग और किसान कनेक्शन के लिए 10 केवीए ट्रांसफॉर्मर लगवाते हैं।क्या होती है कॉस्ट डेटा बुक?कॉस्ट डाटा बुक के आधार पर ही उपभोक्ताओं से कनेक्शन की दरें वसूली जाती हैं।जहां कहीं भी बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना होता है, वहां पोल, केबिल, ट्रांसफॉर्मर आदि लगते हैं।इन सामग्रियों की दरें कॉस्ट डेटा बुक से निर्धारित होती हैं।डेटा बुक में तय दरों के हिसाब से ही बिजली विभाग एस्टिमेट बनाता है।