शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे गुट पर एक और प्रहार किया है। शिंदे ने आज से शुरू विधानसभा के महीने भर के बजट सत्र के दौरान पार्टी के सभी विधायकों को उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। यह व्हिप शिवसेना (यूबीटी) के 16 विधायकों के लिए भी जारी हुआ है।विपक्षी बेंच में बैठे के शिवसेना (यूबीटी) के विधायकों को घेरने की कोशिश करते हुए शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने विधानसभा में अपनी पार्टी के 40 विधायकों और शेष 16 शिवसेना (यूबीटी) के विधायकों को व्हिप जारी किया है।
गोगावले ने कहा कि हमने सभी विधायकों को सत्र के दौरान पूरे समय सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है, ऐसा नहीं करने पर उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।शिवसेना (यूबीटी) के विधायक इस प्रहार पर अचंभित रह गए और भास्कर जाधव और सुनील प्रभु जैसे उनके वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि उन्हें गोगावाले से कोई व्हिप नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि हम व्हिप से चिंतित या डरे हुए नहीं हैं..जब ठाकरे (मुख्यमंत्री के रूप में) की कुर्सी उनके (शिंदे गुट के) बीजेपी में शामिल होने के बाद छीन ली गई तो हमें डर नहीं लगा, तो हमें इस व्हिप की परवाह क्यों करनी चाहिए। वे जो चाहें जारी करने के लिए स्वतंत्र हैं, हम व्हिप का पालन नहीं करेंगे। विधानसभा के बजट सत्र 2023-2024 के पहले दिन ठाकरे समूह के 16 विधायक अन्य प्रमुख विपक्षी दलों जैसे कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आदि के साथ विपक्षी बेंच पर बैठे।
हालांकि, विधान परिषद में सभी 12 एमएलसी शिवसेना (यूबीटी) के पास हैं, जिसमें ठाकरे भी शामिल हैं, जो सोमवार को पहले दिन मौजूद नहीं थे।चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे समूह को ‘मूल’ शिवसेना का नाम और उसका चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर’ आवंटित करने के 10 दिन बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। इस फैसले को ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। शीर्ष अदालत पार्टी विभाजन के मुद्दे के साथ ही शिंदे समेत 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही पर भी सुनवाई कर रही है।
पिछले हफ्ते विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मीडिया से कहा था कि जहां तक उनकी बात है तो शिवसेना के 56 विधायक हैं और वह संविधान की 10वीं अनुसूची से निर्देशित हैं। 10वीं अनुसूची दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित है, जिसे 52वें संशोधन (1985) और महाराष्ट्र विधानसभा नियमों द्वारा जोड़ा गया था।शिवसेना (यूबीटी) के सांसद और मुख्य प्रवक्ता ने चेतावनी दी कि शिवसेना व्हिप अदालत की अवमानना होगी, और अन्य नेताओं ने भी इस कदम की आलोचना की।
फिर भी, उद्योग मंत्री उदय सामंत ने गोगावाले का बचाव करते हुए कहा कि शिवसेना ने सभी विधायकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए व्हिप जारी किया था न कि किसी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए, यह कहते हुए कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन नहीं करेंगे।