जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मंगलवार को तमिलनाडु के एक मंत्री के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विपक्षी दलों की बुलाई गई बैठक से पहले ‘‘नरेन्द्र मोदी सरकार की हताश प्रतिक्रिया’’ करार दिया।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री औरद्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष एम.के स्टालिन उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने जदयू के शीर्ष नेता नीतीश कुमार द्वारा पटना में 23 जून को बुलाई गईबैठक में भाग लेने के लिए अपनी सहमति प्रदान की है।
ललन सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ईडी ने तमिलनाडु में थिरू वी. सेंथिल बालाजी के घर पर छापा मारा है जो 23 जून को पटना में नीतीश कुमार जी द्वारा बुलाई गई सभी विपक्षी पार्टियों की बैठक को ध्यान में रखते हुए नरेन्द्र मोदी सरकार की घबराहट और हताशा को परिलक्षित करता है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार विपक्षी दलों को बदनाम करने के लिए संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है।’’
ललन सिंह ने बैठक से पहले भाजपा का विरोध करने वाले अन्य नेताओं के खिलाफ ‘‘इस तरह की और कार्रवाई’’ की भी आशंका जताई।
उन्होंने अपने ट्वीट में स्टालिन और मंत्री को टैग करते हुए कहा, ‘‘जदयू प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा इस तरह की मनमानी और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई की कड़ी निंदा करती है।’’
नीतीश कुमार द्वारा 23 जून को पटना में बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की बैठक में स्टालिन के अलावा आने वाले अन्य नेताओं में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीयसंयोजक अरविंद केजरीवाल,राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) उद्धव ठाकरे, समाजवादी पार्टी (सपा)अध्यक्ष अखिलेश यादव,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) महासचिव डी राजा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)महासचिव सीताराम येचुरी, नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।