‘जो हमारे लोगों को मारता है, उससे मदद कैसे ले लें?’ भूकंप से तबाह सीरिया ने ठुकराया इजरायल का ऑफर

तेल अवीव : सीरियाई सरकार समर्थक अखबार अल-वतन ने सोमवार को एक आधिकारिक स्रोत का हवाला देते हुए भूकंप राहत के लिए इजरायल से मदद मांगे जाने के दावों को खारिज कर दिया। पड़ोसी देश तुर्की में आए शक्तिशाली भूकंप में सीरिया के सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और एक हजार से अधिक लोग घायल हो गए। इजरायल और सीरिया जैसे अरब देशों का विवाद काफी पुराना है। 1948 में अस्तित्व में आने के तुरंत बाद यहूदी देश को अपने पड़ोसी अरब देशों से युद्ध का सामना करना पड़ा था। 1967 में हुई छह दिनों की जंग तो पूरी दुनिया को याद है जिसमें इजरायल ने अकेले मिडिल ईस्ट का नक्शा बदल दिया था। खबरों की मानें तो इजरायल ने पहले कहा था कि सीरिया ने उससे भूकंप राहत में सहायता के लिए मदद मांगी थी और वह इसके लिए तैयार है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने भूकंप प्रभावित सीरिया को मदद भेजने की मंजूरी दे दी है। लेकिन सीरिया के एक अधिकारी ने मदद मांगे जाने की खबरों से ही इनकार कर दिया। नेतन्याहू ने अपनी लिकुड पार्टी के सांसदों से कहा, ‘इजरायल को ‘सीरिया के लिए मानवीय सहायता का अनुरोध एक राजनयिक स्रोत से प्राप्त हुआ है। मैंने इसे मंजूरी दे दी है।’ इजरायल और अरब देशों की पुरानी दुश्मनीदूसरी ओर एक सीरियाई अधिकारी ने पत्रकारों से कहा कि दमिश्क ने ‘उपहास उड़ाया और दावों का खंडन किया’ कि उन्होंने इजरायल से मदद मांगी थी। अधिकारी ने कहा, ‘सीरिया एक ऐसी संस्था से कैसे मदद मांग सकता है जिसने… दशकों से सीरियाई लोगों की हत्या की है?’ सीरिया की सरकार इजरायल को मान्यता नहीं देती है। 1948 में इजरायल के निर्माण के बाद से दोनों के बीच कई लड़ाइयां हो चुकी हैं। बढ़ सकती है मरने वालों की संख्यातुर्की और सीरिया 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद अभी भी दहशत में हैं। भूकंप और उसके बाद के झटकों में बड़े पैमाने पर धराशायी हुईं इमारतों में अब तक 7200 लोग मर चुके हैं। मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। बचावकर्मी बड़ी तादात में इमारतों के मलबों के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने में लगे हैं। कई देशों ने अपनी राहत और बचाव टीमें सीरिया और तुर्की भेजी हैं। तुर्की के रेस्क्यु ऑपरेशन में करीब 24,400 से अधिक आपातकालीनकर्मी शामिल हैं।