Dwarka Expressway Corruption Case: चीफ सेक्रेटरी ने अपने बेटे को पहुंचाया 850 करोड़ का फायदा? आतिशी ने CM को सौंपी रिपोर्ट

दिल्ली की सतर्कता मंत्री आतिशी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कथित भूमि घोटाले के सिलसिले में मुख्य सचिव नरेश कुमार और मंडलायुक्त अश्विनी कुमार को उनके संबंधित पदों से तुरंत हटाने की सिफारिश की। अपनी रिपोर्ट में आतिशी ने अपने बेटे करण चौहान से जुड़ी कंपनी को अवैध लाभ प्रदान करने के लिए बामनोली गांव में एक भूमि पार्सल के लिए मुआवजा पुरस्कार बढ़ाने में मुख्य सचिव की संलिप्तता का आरोप लगाया, जिसे द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहित किया गया था।इसे भी पढ़ें: AAP का BJP पर वार, बैन के बावजूद दिल्ली में कहां से आए पटाखे, आपके पास पुलिस है तो रोका क्यों नहीं?प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि द्वारका एक्सप्रेसवे पर भूमि अधिग्रहण में मुख्य सचिव नरेश कुमार और डीएम दक्षिण-पश्चिम हेमंत कुमार और भूमि मालिकों की संबंध और कालक्रम मिलीभगत का आभास देते हैं। सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में मुख्य सचिव नरेश कुमार सहित दिल्ली के सतर्कता विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा घोटाले के पैमाने को 312 करोड़ रुपये से कम आंकने की साजिश का भी खुलासा किया गया है, जबकि वास्तविक मुआवजा पुरस्कार के परिणामस्वरूप 850 रुपये का अवैध लाभ हुआ होगा। इसे भी पढ़ें: आम आदमी पार्टी की नेता पर पति ने चलाई, दिवाली के मौके पर हुई जमकर फायरिंगआतिशी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह स्पष्ट है कि नरेश कुमार के बेटे के उन जमीन मालिकों के साथ व्यापारिक संबंध हैं जिन्हें फायदा हो रहा है। नरेश कुमार के दिल्ली के मुख्य सचिव बनने के बाद की घटनाओं से पता चलता है कि उन्होंने अपनी शक्ति का इस्तेमाल अपने बेटे के व्यवसाय से जुड़े लाभार्थियों के लिए मुआवजा बढ़ाने के लिए किया होगा। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि अश्विनी कुमार ने बार-बार इस मामले की फाइलें उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया, जो संदिग्ध प्रतीत होता है और उनकी मिलीभगत पर सवाल उठाता है।