नई दिल्ली: अगस्त 2023 में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा था, ‘शेयर मार्केट में रुचि रखने वालों के लिए भी एक गुरु मंत्र है। जिन सरकारी कंपनियों को ये लोग गाली दें, उन पर आप दांव लगा दीजिए। सब अच्छा ही होने वाला है।’ पीएम के उस बयान के बाद से कई तेजी से चढ़े। BSE पर 56 सरकारी कंपनियों का कुल मार्केट कैप अब 66 प्रतिशत बढ़कर करीब 60 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। NBCC, IRFC, HUDCO, ITI और SJVN जैसे शेयर 150 से 250 प्रतिशत तक चढ़ चुके हैं। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह रफ्तार बनी रह सकती है। कैपिटल एक्सपेंडिचर का फैक्टर 5 पैसा के लीड रिसर्च एनालिस्ट रुचित जैन ने कहा, ‘पिछले कुछ सालों में PSU स्टॉक्स अंडरपरफॉर्मर रहे। उनको प्राइवेट कंपनियों जितनी वैल्यूएशन नहीं मिल पाती थी क्योंकि इनवेस्टर यह मानते थे कि PSU से बड़ा रिटर्न नहीं मिल सकता। कई सरकारी कंपनियां लंबे समय तक नुकसान में भी थीं। लेकिन मोदी सरकार का फोकस काफी अलग है। सरकार ने PSU का कारोबार बढ़ाने पर जोर दिया। इसके अलावा कुछ महीनों पहले जब ग्लोबल लेवल पर मंदी जैसा माहौल था, उस दौरान हमारी कई सरकारी कंपनियों ने काफी कैपिटल एक्सपेंडिचर किया। प्राइवेट सेक्टर में ऐसा आत्मविश्वास नहीं था क्योंकि अमेरिका और यूरोप में रिसेशन का खतरा था। इससे इनवेस्टर्स में आत्मविश्वास आया कि यह सरकार PSU को प्रॉफिटेबल बना रही है और यह सस्टेनेबल रहेगा।’वैल्यूएशन का कंफर्ट जोनकेडिया फिनकॉर्प के फाउंडर नितिन केडिया ने कहा, ‘कुछ समय पहले तक PSU के वैल्यूएशंस बहुत कम थे। PNB तीन साल पहले अपनी बुक वैल्यू के 0.25 पर ट्रेड कर रहा था। SBI और ITI जैसे शेयर भी कम वैल्यूएशन पर थे। रिटेल निवेशकों और म्यूचुअल फंड्स को इन शेयरों में मौका दिखा। म्यूचुअल फंड्स ने SIP से बड़ी मात्रा में आ रहे पैसे को इन शेयरों में लगाया। इससे इनमें तेजी आई।’ क्या कह रहा फ्री फ्लोट फैक्टर? ITI सालभर में लगभग 240 प्रतिशत चढ़ा है। इसमें सरकार की 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। 9 फरवरी को ITI का मार्केट कैप 31,445 करोड़ था, लेकिन इसके फ्री फ्लोट यानी खरीद-फरोख्त के लिए उपलब्ध शेयर बस इतने हैं कि उनकी वैल्यू 3144 करोड़ रुपये ही थी। इसी तरह इंडियन ओवरसीज बैंक सालभर में 175 प्रतिशत के आसपास चढ़ा है। इसमें सरकार की 96% से अधिक हिस्सेदारी है। एक लाख 34 हजार 415 करोड़ रुपये के कुल मार्केट कैप के मुकाबले इसके फ्री फ्लोट का मार्केट कैप 5376 करोड़ रुपये ही है। फ्री फ्लोट कम होने से जरा सी खरीदारी भी शेयरों को काफी उछाल देती है।क्या यह तेजी बनी रहेगी?एक्सपर्ट रुचित जैन कहते हैं, ‘PSU में ऐसी तेजी कई सालों बाद आई है। जब ऐसी बड़ी तेजी की शुरुआत होती है तो कुछ वर्षों तक बनी रह सकती है। अगर यही सरकार रहती है, तो PSU स्टॉक्स में बाइंग इंटरेस्ट बना रह सकता है। छोटी अवधि में देखें तो ये शेयर काफी चढ़ चुके हैं लिहाजा कुछ मुनाफावसूली दिख सकती है। लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स को चिंता करने की जरूरत नहीं है। प्रॉफिटबुकिंग से जब भी गिरावट आए, तो इन शेयरों में खरीदारी की जा सकती है।’क्या कहते हैं एक्सपर्टएक्सपर्ट नितिन केडिया ने कहा, ‘प्राइवेट कंपनियों को मार्केट पहले ही हाई वैल्यूशन दे चुका था। अब एक भी रिजल्ट खराब आता है, तो उसका बड़ा निगेटिव असर पड़ता है। वहां रिस्क बढ़ जाता है। PSU की ओर देखें तो अब भी अधिकतर स्टॉक्स 10 के पीई से नीचे चल रहे हैं। प्राइवेट से तुलना करें तो इस तेजी के बावजूद PSU स्टॉक्स में अब भी काफी जान दिख रही है। PFC, REC, ITI, SBI, टूरिजम फाइनैंस और GAIL जैसे शेयर आगे भी अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। PSU स्टॉक्स में बुल रन लंबा चलने वाला है।’