नागपुर: ‘जो डर गया वो मर गया’… हिंदी फिल्म के इस मशहूर डायलॉग को गुरुवार को क्रिकेट फील्ड पर चरितार्थ होते देखा गया। भारत के खिलाफ नागपुर टेस्ट में उतरने से पहले ही टर्निंग ट्रैक और रविचंद्रन अश्विन की बलखाती गेंदों के खौफ के कारण आधी लड़ाई हार चुकी ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने जब रविंद्र जडेजा (5/47) ने सटीक लाइन-लेंथ के साथ गेंदबाजी की तो उन्होंने एक सामान्य पिच पर टॉस जीतने के बाद भी अपने हथियार डाल दिए।पहले दिन बैकफुट परचोट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर रहे जडेजा ने पांच ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को चलता किया, जिससे पहले टेस्ट के पहले दिन गुरुवार को ऑस्ट्रेलियाई टीम 177 रन पर सिमट गई। इसके बाद टीम इंडिया ने कप्तान रोहित शर्मा के आक्रामक 56* रन की बदौलत एक विकेट पर 77 रन बनाकर मुकाबले पर अपनी पकड़ बेहद मजबूत कर ली। पहले दिन का खेल खत्म होने पर रोहित के साथ दूसरे छोर पर नाइटवॉचमैन अश्विन खड़े थे।भारत ने एकमात्र विकेट लोकेश राहुल (20) का गंवाया जो कप्तान के साथ पहले विकेट के लिए 76 रन की साझेदारी करने के बाद दिन के अंतिम लम्हों में डेब्यू कर रहे ऑफ स्पिनर टॉड मर्फी (1/13) को उन्हीं की गेंद पर कैच दे बैठे। भारत अब ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के 177 रन से 100 रन पीछे है जबकि उसके नौ विकेट शेष हैं और मेजबान टीम की नजरें पहली पारी के आधार पर बड़ी बढ़त हासिल करने पर टिकी होंगी क्योंकि धैर्य के साथ खेलने पर पिच पर बल्लेबाजी करना मुश्किल नहीं है। 11वीं बार मारा ‘पंजाजडेजा ने 11वीं बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट चटकाते हुए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को काफी परेशान किया। उन्हें ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (3/42) का अच्छा साथ मिला। ऑस्ट्रेलिया को मार्नस लाबुशेन (49) और स्टीव स्मिथ (37) ने तीसरे विकेट के लिए 82 रन जोड़कर पहले सेशन में अच्छी वापसी दिलाई थी, लेकिन इस जोड़ी के टूटने के बाद एलेक्स कैरी (36) और पीटर हैंड्सकॉम्ब (31) ही भारतीय स्पिनरों के सामने कुछ देर टिक पाए। कैरी और हैंड्सकॉम्ब ने छठे विकेट के लिए 53 रन की तेज साझेदारी भी की। छा गए सिराज-शमीभारतीय पेसर्स मोहम्मद सिराज और मोहम्मद शमी ने शुरुआती तीन ओवर में ही दो विकेट उखाड़कर मेहमान खेमे में खलबली मचा दी। स्पिन बोलिंग की तैयारियों के चक्कर में भारतीय पेस बोलिंग अटैक को नजरअंदाज करने का पहला नुकसान ऑस्ट्रेलिया को पारी के दूसरे ओवर में उठाना पड़ा। सिराज की पहली ही गेंद उस्मान ख्वाजा के पैर से टकराई और पगबाधा की अपील पर अंपायर ने उंगली उठा दी। ख्वाजा ने जान बचाने के लिए डीआरएस का भी सहारा लिया लेकिन नाकाम रहे। अगले ओवर में सिराज के सीनियर साथी शमी ने अनुभवी डेविड वॉर्नर के स्टंप को हवा में लहरा कर सनसनी फैला दी। हालांकि इसके बाद स्मिथ और लाबुशेन ने पहले सेशन में और कोई झटका लगने नहीं दिया।दूसरे सेशन में खेल बदलाकप्तान ने पारी के सातवें ओवर में ही जड्डू को गेंद थमा दी और अगले छोर से अक्षर को अटैक पर लगा दिया। हालांकि, ये दोनों ही स्पिनर स्मिथ और लाबुशने को ज्यादा परेशान नहीं कर सके। लेकिन दूसरे सेशन की शुरुआत होते ही जडेजा ने तस्वीर बदल दी। लाबुशेन जडेजा की तेजी से स्पिन होती गेंद को खेलने की कोशिश में क्रीज से आगे निकल आए और डेब्यू कर रहे विकेटकीपर श्रीकर भरत ने उन्हें स्टंप करने में कोई गलती नहीं की। अगली ही गेंद पर नए बल्लेबाज मैट रेनशॉ (0) को बोल्ड मारा। इसके बाद जडेजा बल्लेबाजों पर हावी हो गए।सबसे तेज अश्विनअनुभवी अश्विन ने दूसरे छोर से जडेजा का अच्छा साथ निभाते हुए तीन अहम विकेट निकाले। इस दौरान उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 450 विकेट के आंकड़े को छुआ। इसके लिए उन्होंने 89 टेस्ट मैच लिए। यह इस मुकाम तक पहुंचने लिए खेले गए दूसरे न्यूनतम टेस्ट हैं। मुथैया मुरलीधरन (80 टेस्ट) सबसे तेजी से इतने विकेट झटके थे। हालांकि, भारतीय बोलर्स में अश्विन सबसे तेज रहे हैं। दिलचस्प यह है कि अश्विन अभी तक टेस्ट विकेट के जिस भी पड़ाव पर पहुंचे हैं, भारतीयों में सबसे पहले हैं। सबसे तेज 50, 100, 150, 200, 250, 300, 350, 400 और 450 विकेट लेने का भारतीय रेकॉर्ड अश्विन के नाम है।