क्या दैत्य जैसा घूमता हुआ आता है वो, असल में देखिए समंदर में कैसे चलता है चक्रवात?

नई दिल्‍ली: ने दिलों की धड़कन बढ़ा रखी है। आज यह तूफान गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ से टकराएगा। इसे लेकर जोरदार तैयारियां की गई हैं। गुजरात में ही इसका सबसे ज्यादा असर होने की आशंका है। बिपरजॉय के मद्देनजर द्वारकाधीश मंदिर को आज बंद करने का फैसला लिया गया है। एहतियाती तौर पर एनडीआरएफ की 21 और एसडीआरएफ की 13 टीमें तैनात की गई हैं। हजारों लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा चुका है। पूरे देश में बिपरजॉय की चर्चा छाई हुई है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी शेयर होने लगे हैं। दावा किया जा रहा है कि बिपरजॉय किस तरह की तबाही बंटोरकर ला रहा है। इन वीडियो में देखा जा सकता है कि समंदर से आसमान की ओर मथनी की तरह घूमते हुए तूफान आ रहा है। कुछ वीडियो में कोन के आकार की चीज सबकुछ अपने साथ लपेटते हुए दिखती है। क्‍या सच में चक्रवाती तूफान ऐसे ही आता है? जो तस्‍वीर वायरल हो रही हैं क्‍या वे सही हैं? आइए, आपको हम यहां इसके बारे में सबकुछ बताते हैं। कैसे समंदर में चलता है चक्रवाती तूफान? चक्रवाती तूफान समंदर में चलता कैसे है, उसके पहले जानते हैं कि यह बनता कैसे है। दरअसल, इसके पीछे समुद्री जल के तापमान का बढ़ना अहम कारण है। समुद्री जल के सतह की हवा गर्म होकर ऊपर उठने लगती है। उसकी जगह लेने के लिए आसपास की ठंडी हवा आ जाती है। इन हवाओं के मिलने से रिऐक्‍शन होता है। यही तूफान में तब्‍दील हो जाता है। गर्म होकर ऊपर उठने वाली हवा में नमी होती है। इसी वजह से साइक्लोन तेज हवा के साथ बारिश भी लाता है। साइक्‍लोन, टायफून और हरीकेन में है फर्क साइक्‍लोन, टायफून और हरीकेन को अमूमन एक तरह से लिया जाता है। तीनों के लिए ‘तूफान’ शब्‍द का इस्‍तेमाल कर दिया जाता है। सुविधा के लिए तो यह ठीक है। लेकिन, वैज्ञानिक रूप से नहीं। इन तीनों में आपस में बड़ा फर्क है। ये तीनों अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्र में आते हैं। टाइफून कम दबाव का तूफान है। इसकी रफ्तार बढ़कर जब 120 किलोमीटर प्रतिघंटा या ज्यादा हो जाती है तो इसे टायफून कहा जाता है। यह अमूमन जापान, ताइवान, फिलीपींस या पूर्वी चीन पर असर डालता है। भारत में आने वाले तूफान साइक्लोन होते हैं। इनकी रफ्तार 140 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास होती है। जैसे-जैसे यह आगे बढ़ता है, इसकी रफ्तार घट जाती है। जहां तक हरीकेन का सवाल है तो यह अमेरिकी क्षेत्रों को प्रभावित करता है। इसकी रफ्तार 90 से 190 किमी प्रति घंटा हो सकती है। इसके साथ बारिश और चक्रवाती हवाएं भी चलती हैं। इसे टॉरनेडो कहा जाता है। अब आप हर तरह के तूफान के बारे में काफी कुछ जान चुके हैं। यह सबकुछ आपको इसलिए बताया गया है ताकि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो का सच आप जान सकें। नीचे वह वायरल वीडियो जिसमें समंदर से आसमान की ओर दैत्‍य की तरह तूफान हलचल करते दिख रहा है। यह बिपरजॉय की सही तस्‍वीर नहीं है। वीडियो फेक है। साइक्‍लोन समंदर में इस तरह से नहीं चलता है। न ऐसा दिखता है। वायरल हो रहे ब‍िपरजॉय का फर्जी वीडियो झूठा वीडियो तो आपने देख लिया। अब हम आपको बिपरजॉय की असली तस्‍वीर दिखाते हैं। इसे आप नीचे देख सकते हैं। तस्‍वीर में देखा जा सकता है कि यह चक्र की तरह आगे की ओर बढ़ रहा है।ब‍िपरजॉय की असली तस्‍वीर क्‍या है तैयारी? बिपरजॉय चक्रवात को देखते हुए तटीय इलाकों के सरकारी स्कूलों में शेल्टर होम बनाए गए हैं। इनमें खाने-पीने के सामान के साथ दवाइयां भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद है। इन इलाकों के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी अस्पतालों और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं को तैयार रखने की हिदायत दी गई है। चक्रवात के दौरान दूरसंचार सेवाओं पर पड़ने वाले असर को देखते हुए सेटेलाइट फोन्स और हैम रेडियो की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों को भी एहतियातन वैकल्पिक टावरों को चालू रखने को कहा गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए राज्य सरकार संबंधित जिलों के साथ तालमेल बैठाकर काम कर रही है। इस चक्रवाती तूफान को यह नाम बिपरजॉय बांग्लादेश ने दिया है। बांग्ला में इस नाम का मतलब होता है डिजास्टर।