नई दिल्ली: हवन और इसकी भस्म को लेकर तरह-तरह के दावे होते रहे हैं। ऐसा कहा जाता रहा है कि हवन बैक्टीरिया और वायरस को खत्म करता है। यही नहीं, इसकी भस्म खाद का काम कर सकती है। यह जमीन की उर्वरकता को बढ़ाती है। अब इसे लेकर एक और साइंटिफिक रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट के निष्कर्ष वाकई चौंकाने वाले हैं। हवन की भस्म में कैलशियम और मैग्नीशियम के साथ प्रचुर मात्रा में पोटैशियम मिला है। ये सभी तत्व जमीन की उर्वरता बढ़ाने के लिए जरूरी हैं। दरअसल, इन्हीं तत्वों को बढ़ाने के लिए केमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल भी होता है। रिपोर्ट में एक और खास बात सामने आई है। वह यह है कि यज्ञ के बाद बैक्टीरिया और वायरस का लोड हवा में कम हुआ। यह रिपोर्ट निश्चित तौर पर वैदिक पद्धति पर मुहर लगाती है। हिंदू वेद-शास्त्रों में हवन और यज्ञ के फायदों को बताया जाता रहा है। हमारे ऋषि-मुनि रोजाना हवन किया करते थे। गायत्री परिवार ट्रस्ट ने कुछ महीने पहले लखनऊ के आलमबाग में यज्ञ आयोजित किया था। इसकी भस्म लैब में भेजी गई थी। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रिकल्चरल रिसर्च (ICAR)- सेंट्रल सॉयल सैलिनिटी रिसर्च इंस्टीट्यूट रीजनल रिसर्च स्टेशन ने इसकी एनालिसिस रिपोर्ट भेजी है। हवन की भस्म में मिला भरपूर पोटैशियमयह रिपोर्ट उन लोगों के मुंह धुआं कर सकती है जो हवन और यज्ञ पर सवाल उठाते रहे हैं। इस भस्म में प्रचुर मात्रा में पोटैशियम पाया गया है। पोटैशियम के साथ पौधों के लिए लाभकारी कैलशियम और मैग्नीशियम भी खूब मिला है। यज्ञ के बाद हवा में बैक्टीरिया और फंगस कम हुए प्रधान वैज्ञानिक डॉ संजय अरोड़ा की ओर से जारी की गई यह रिपोर्ट यज्ञ के और भी फायदों की ओर इशारा करती है। रिपोर्ट कहती है कि माइक्रोबियल एनालिसिस दिखाती है कि हवन और यज्ञ के आधे घंटे बाद बैक्टीरियल और फंगल लोड घट गया। आसान शब्दों में समझें तो हवन और यज्ञ के बाद बैक्टीरिया और फंगस कम हो गए। इससे भी ज्यादा दिलचस्प यह है कि यज्ञ हो जाने के चार घंटे बाद हवा में बैक्टीरियल और फंगल लोड में और कमी आ गई।