2000 के हर नोट पर क्यों छपी थी मंगलयान की फोटो? जानते हैं आप

नई दिल्ली: भारत सरकार ने 2000 हजार के नोट को सितंबर 2023 के बाद चलन से बाहर करने का ऐलान किया है। इस खबर के सामने आते ही 2000 के नोट को लेकर चर्चा काफी तेज है। नोट से जुड़ी छोटी-बड़ी जानकारियां सोशल मीडिया पर शेयर हो रही है। नोट से जुड़ी एक अहम जानकारी और है, जिसके बारे में हर किसी को जानना चाहिए। आपने गुलाबी रंग के 2000 के नोट के पीछे एक आकृति देखी होगी। ये आकृति मंगलयान मिशन की है। मंगल मिशन एक बड़ी सफलता थी और 2000 रुपये के नोटों पर अंतरिक्ष यान की छवि मिशन और इसकी उपलब्धियों को याद करने के लिए है। साल 2016 के नवंबर महीने में नोटबंदी के बाद RBI ने मंगल मिशन की आकृति वाले 2000 के नोट जारी किए थे। अब 30 सितंबर 2023 के बाद 2000 का नोट पूरी तरह से मार्केट से गायब हो जाएगा। क्या है मंगल मिशन? 2000 रुपये के नोटों पर मुद्रित मंगलयान की छवि भारत के सफल मंगल मिशन का प्रतिनिधित्व करती है, जिसे मंगलयान भी कहा जाता है। मिशन 5 नवंबर 2013 में लॉन्च किया गया था। भारत अपने पहले प्रयास में मंगल ग्रह पर पहुंचने वाला पहला देश बना था। मिशन का मकसद मंगल की जलवायु, भूविज्ञान और वातावरण का अध्ययन करना और अंतर्ग्रहीय अंतरिक्ष अन्वेषण में देश की तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करना था। मंगलयान मिशन की लागत करीब 450 करोड़ रुपये की थी। 30 सितंबर के बाद पूरी तरह चलन से बाहर होगा नोटभारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 के नोट को सितंबर 2023 के बाद चलन से बाहर करने का ऐलान शुक्रवार को किया है। केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2 हजार के नोट वैद्य मुद्रा बने रहेंगे लेकिन 30 सितंबर के बाद इसे पूरी तरह से चलन से बाहर कर दिया जाएगा।आरबीआई ने देश के बैंकों को तत्काल प्रभाव से 2000 मूल्य के नोट को जारी करना बंद कर दिए जाने की सलाह दी है। रिजर्व बैंक ने कहा कि क्लीन नोट पॉलिसी के तहत यह फैसला लिया गया है। नोटबंदी के बाद आरबीआई ने नोटबंदी के बाद 8 नवंबर 2016 को 2 हजार का नोट जारी किया था। इस नोट को लाने का मकसद दूसरे नोट पर्याप्त मात्रा में बाजार में आने के बाद खत्म हो गया था।