मेरे और शिवराज के बीच मत आओ- उमा भारती की कमलनाथ को चेतावनी

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लंबे समय से नशामुक्ति को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की शराब नीति में बदलाव कर नियंत्रित शराब वितरण प्रणाली लागू करने की मांग कर रही हैं.इस बीच उमा भारती ने ट्वीट कर कहा कि मैंने शिवराज जी को शराब नीति पर अपने परामर्श भेज दिए हैं. ऐसे में मैं कमलनाथ जी से भी कहूंगी कि आप भी उन्हीं को भेज दीजिए और मेरे और शिवराज जी के बीच में मत आइए. गौरतलब है कि, शराब मुहिम के बाहने कांग्रेस सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साध रही है.
दरअसल, बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा कि मैं बीजेपी सरकार या शिवराज जी के खिलाफ नहीं हूं उनके साथ हूं. मेरे लिए तो शराब मेरी दुश्मन है और गंगा जी तो मेरी इष्ट हैं. बता दें कि, शराबबंदी को लेकर उमा भारती के अभियान पर कमलनाथ ने कहा था कि उमा भारती बीजेपी से है. ऐसे में वह अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं, ना तो उन्होंने मुझसे कोई चर्चा की है ना मेरी उनसे कोई बात हुई है. लेकिन यदि वह चर्चा करेंगी तब कांग्रेस पार्टी इस पर विचार करेगी.
बीजेपी सरकार या शिवराज जी के खिलाफ नहीं- उमा भारती

1. मैंने शिवराज जी को शराब नीति पर अपने परामर्श भेज दिए हैं। कमलनाथ जी से कहूंगी कि आप भी उन्हीं को भेज दीजिए और मेरे और शिवराज जी के बीच में मत आइए। @ChouhanShivraj @CMMadhyaPradesh @OfficeOfKNath @OfficeofSSC
— Uma Bharti (@umasribharti) February 6, 2023

पूर्ण शराबबंदी छोड़ पॉलिसी में बदलाव की मांग- उमा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो-ढाई साल से उमा भारती सूबे में शराबबंदी की मांग को उठा रही हैं. जहां उन्होंने कई बार इसके लिए अभियान शुरू करने की घोषणा भी की. मगर, ऐन मौके पर वो अपनी मांगो से पीछे हट गईं.
हालांकि, अब उन्होंने मधुशाला में गौशाला अभियान शुरू किया है, लेकिन अब उनकी मांग बदल गई है. इस दौरान बीजेपी नेता उमा भारती सूबे में पूर्ण शराबबंदी की मांग नहीं कर रहीं, प्रदेश सरकार से केवल शराब पॉलिसी में बदलाव करने की बात कह रही है.
शराब नीति उनके अनुरूप नहीं आई तो परिणाम ठीक नहीं होगा
गौरतलब है कि, पिछले दिनों पहले फिर उमा भारती ने चेतावनी दी थी कि नई शराब नीति उनके अनुरूप नहीं आई तो परिणाम ठीक नहीं होगा. वे भोपाल की एक शराब दुकान के सामने स्थित मंदिर में कई दिन विरोधस्वरूप बैठी थीं. हालांकि, अब वे रामराजा मंदिर ओरछा के सामने की दुकान का विरोध जता रही थी.