
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को खूब फटकार लगाई
अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अनुच्छेद-19 (2) के संदर्भ में अब तक दाखिल किसी भी याचिका में यह सबसे कमजोर याचिका है। अदालत ने सवाल किया कि क्या आपको इसके लिए मुआवजा चाहिए कि आप नेट देखने के कारण एग्जाम में फेल हो गए? कंटेट में सेक्सुअल सामग्री थी और इस कारण आपका ध्यान भंग हो गया और कोर्ट आ गए कि आपको मुआवजा चाहिए? उधर अदालत के हर्जाने के आदेश पर याची ने कहा कि उनके पैरेंट्स मजदूर हैं उन्हें माफ किया जाए।
कोर्ट ने एक लाख से 25 हजार रुपये की जुर्माना राशि
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने पब्लिसिटी के लिए ऐसा किया और आपको लगता है कि आपको माफ कर दिया जाए लेकिन आपको माफी नहीं मिलेगी और फिर कोर्ट ने याचिकाकर्ता की हर्जाने राशि को घटा दी और उसे निर्देश दिया कि वह 25 हजार रुपये हर्जाना राशि जमा करे। सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया गया कि याची के पास रोजगार तक नहीं है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिकवरी की जाएगी।