नहीं मिलेगा कोई ब्याज
खुदरा डिजिटल रुपया परियोजना के दूसरे चरण में नौ अन्य शहरों तथा चार अन्य बैंकों को शामिल किया जाएगा। डिजिटल रुपया एक डिजिटल टोकन है, जो कानूनी रूप से वैध है और भौतिक नकदी की सभी विशेषताएं इसमें शामिल हैं। केंद्रीय बैंक ने 29 नवंबर को इस पायलट परियोजना की घोषणा करते हुए कहा था, ‘नकदी के मुकाबले इस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा और इसे बैंक जमा जैसे अन्य नकदी रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।’
डिजिटल वॉलेट से कर सकेंगे लेनदेन
डिजिटल रुपये को बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा और यूजर पायलट परीक्षण में शामिल होने वाले बैंकों की तरफ से पेश किए जाने वाले डिजिटल वॉलेट के जरिये ई-रुपये में लेनदेन कर पाएंगे। यह लेनदेन पी2पी और पी2एम दोनों को ही किए जा सकेंगे। आरबीआई ने कहा कि यह डिजिटल रुपया परंपरागत नकद मुद्रा की ही तरह धारक को भरोसा, सुरक्षा और अंतिम समाधान की खूबियों से भी लैस होगा।
इन शहरों के लोगों को मिलेगा फायदा
यह पायलट प्रोजेक्ट शुरुआत में चार शहरों को कवर करेगा। ये शहर मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर हैं। इसके बाद इस पायलट प्रोजेक्ट का विस्तार अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोचीन, लखनऊ, पटना और शिमला में होगा। इस प्रोजेक्ट का विस्तार धीरे-धीरे अन्य बैंकों, जगहों और यूजर्स के बीच होगा।