क्या रायबरेली से हार की आशंका में राज्यसभा पहुंचीं सोनिया, देखिए 4 चुनाव में कैसे घटता गया विक्ट्री मार्जिन

रायबरेली: उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट देश की राजनीति में नेहरू-गांधी परिवार का सबसे मजबूत किला माना जाता है। आजादी के बाद से ही ये लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। पिछले लोकसभा चुनाव से ही साफ हो गया था कि मजूबत गढ़ में सेंध की भनक पार्टी को लग चुकी थी। शायद इसी वजह से सोनिया गांधी ने राज्यसभा का रुख किया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्यसभा जाने का मतलब कहीं रायबरेली से हार की आशंका तो नहीं है। आइए आंकड़ों से जानते हैं..दरअसल, रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए काफी अहम है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में सिर्फ दो ही सीटें मिली थीं-अमेठी और रायबरेली, 2019 में राहुल गांधी अमेठी से हार गए और कांग्रेस को सिर्फ रायबरेली सीट पर ही जीत मिली। अब 2024 में अगर गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ता है तो यह सीट भी हाथ से निकल सकती है। लगातार गिरता गया जीत में वोटों का अंतर15 साल से लगातार सोनिया की जीत का अंतर कम होता रहा। दरअसल चार बार की सांसद के सामने कोई मजूबत प्रतिद्वंद्वी नहीं था जिसने उनकी बढ़त को नुकसान पहुंचाया हो। रायबरेली कांग्रेस पार्टी का पारंपरिक गढ़ रहा है। 2004 में जहां सोनिया की जीत का अंतर 2.5 लाख वोट था, वहीं 2009 में यह बढ़कर 3.7 लाख वोट हो गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में सोनिया 3.5 लाख वोटों से जीतीं। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में यह अंतर घटकर 1.6 लाख तक आ गया। निश्चित तौर पर जीत के वोटों का घटता अंतर जनता का कांग्रेस की तरफ से मोहभंग को रेखांकित कर रहा था।गांधी परिवार का मजबूत किला रायबरेली सीटसोनिया गांधी ने रायबरेली से 6 बार लोकसभा का चुनाव लड़ा है। इसमें एक उपचुनाव भी शामिल है। सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने की घोषणा के बाद रायबरेली लोकसभा सीट की चर्चा होने लगी है। सोनिया गांधी 2004 से ही रायबरेली सीट पर चुनाव लड़ती आई हैं। उन्हें हर बार जीत मिली है। रायबरेली को कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है। 1952 में फिरोज गांधी पहली बार रायबरेली से जीतकर संसद पहुंचे। इंदिरा भी यहां से चुनाव जीत चुकी हैं।प्रियंका गांधी लड़ेंगी रायबरेली से चुनाव!पिछले काफ़ी समय से प्रियंका गांधी के 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं भी तेज हैं। यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी प्रियंका गांधी से चुनाव लड़ने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने तो ये तक कहा था कि अगर प्रियंका चुनाव लड़ने का फ़ैसला करती हैं तो पार्टी उन्हें जिताने के लिए पूरी जान लगा देगी। प्रियंका गांधी यूपी में काफ़ी समय तक एक्टिव भी रही है। विधानसभा चुनाव में उन्होंने जमकर पार्टी के लिए प्रचार किया था। रायबरेली में भी वो कई बार चुनाव प्रचार के लिए जाती रही हैं। लेकिन, अब तक उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा है. ऐसे में पार्टी उनके लिए सुरक्षित सीट की खोज में है।