बदायूं: लोकसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में बीजेपी की केंद्रीय चुनाव कमेटी की बैठक चल रही है। यूपी की 14 हारी सीटों पर बीजेपी सबसे पहले उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस बार बदायूं लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट कट सकता है। यहां से केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा को उम्मीदवार बनाने की चर्चा चल रही है। 2019 लोकसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी ने बदायूं से संघमित्रा मौर्य को उतारा था। उन्होंने 5 लाख से ज्यादा वोट पाकर सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया था। इससे पहले यह सीट अखिलेश यादव के चचेरे भाई के कब्जे में ही थी। सपा के गढ़ रहे इस सीट पर बीजेपी ने 2019 में अपना वर्चस्व स्थापित किया था। कहा जा रहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी बदायूं से केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा को अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है। वर्मा बदायूं में उझानी ब्लाक के ज्योरा पारवाला गांव के रहने वाले हैं। वह फिलहाल राज्यसभा सदस्य हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के करीबी माने जाते रहे हैं। जब कल्याण सिंह ने बीजेपी छोड़कर जन क्रांति बनाई तो बीएल वर्मा को ही प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था। लोधी समुदाय के बड़े नेता माने जाने वाले बीएल वर्मा को 2016 में बीजेपी का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया था। उन्होंने 1980 में आरएसएस के खंड कार्यवाह और तहसील प्रमुख के रूप में अपने सामाजिक जीवन की शुरुआत की थी। पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के चलते संघमित्रा मुश्किल में! गौरतलब है कि संघमित्रा मौर्य बीजेपी छोड़ चुके स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। पिछले कई महीनों से स्वामी प्रसाद हिंदू धर्म और बीजेपी को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं। पिता की टिप्पणियों की वजह से संघमित्रा मौर्य परेशानी में पड़ चुकी हैं। बीजेपी में उनके भविष्य को लेकर लंबे समय से सवाल उठ रहे हैं। पिछले दिनों बदायूं में मीडिया ने जब संघमित्रा से स्वामी प्रसाद से जुड़ा एक सवाल पूछा तो वह भड़कती नजर आई थीं। जब पत्रकारों ने पूछा कि आपके पिताजी ने नई पार्टी का गठन किया, ऐसे में बेटी होने के नाते क्या कहेंगी, इस पर संघमित्रा ने कहा कि पिछले दो-ढाई साल से यह सवाल सुन-सुनकर मैं परेशान हो गई हूं। बीजेपी की कार्यकर्ता, पदाधिकारी और सांसद हूं। बीजेपी के लिए काम कर रही हूं। यहां बीजेपी का कार्यक्रम है, इसलिए सवाल भी उसी पर होना चाहिए।