अतीक हत्याकांड में शूटरों को क्या बाबर ने दिए थे हथियार? कानपुर पुलिस ने बता दिया क्या है सच

प्रयागराज: प्रयागराज में 15 अप्रैल की रात 10:35 बजे कॉल्विन हॉस्पिटल परिसर में माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की एसआईटी की जांच शुरू कर दी गई है। इस जांच में एक नाम उभर कर सामने आया है। यह नाम निकल कर सामने आया है। डी-टू गैंग चलाने वाले बाबर पर आरोप लग रहा है कि उसने अतीक अहमद के हत्यारों को असलहे और कारतूस मुहैया कराए। अतीक के हत्यारों सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य के उसके संपर्क में आने का दावा सूत्रों के हवाले से किया जा रहा है। बाबर पर पहले से ही अपराधियों को अवैध हथियारों की सप्लाई का आरोप लगता रहा है। हालांकि, कानपुर के इस अपराधी के खिलाफ पुलिस के हाथ खाली रहे हैं। अतीक हत्याकांड में कानपुर के हथियार के प्रयोग को पुलिस ने पूरी तरह से गलत करार दिया है।बाबर के खिलाफ आठ गंभीर केस दर्ज हैं। उस पर आरोप लग रहा है कि उसे अतीक के हत्यारों को तुर्किए मेड जिगाना पिस्टल और अन्य असलहों की सप्लाई की। सूत्रों के हवाले से आ रही इस खबर ने सनसनी मचा दी है। हालांकि, इस पूरे मामले अब कानपुर कमिश्नरेट का बड़ा बयान सामने आया है। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की ओर से दावा किया गया है कि मीडिया में चल रही खबरें निराधार हैं। अतीक अहमद की हत्या में तुर्किए मेड जिगाना पिस्टल के प्रयोग का मामला सामने आया था। हालांकि, इस प्रकार की खबरें भी सामने आईं कि हत्यारों को कानपुर के अवैध आर्म्स सप्लायर की ओर से हथियार सप्लाई किए गए। इस प्रकार की खबरों को भ्रामक और निराधार बताते हुए पुलिस कमिश्नरेट की ओर से लोगों को इस पर ध्यान न देने की बात कही गई है।रईस बनारसी का भांजा है बाबरबाबर गैंगस्टर रईस बनारसी का भांजा है। रईस बनारसी को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया था। उस पर पूर्वांचल में अपराधियों को विदेशी हथियार सप्लाई करने का आरोप है। एटीएस ने वर्ष 2012 में बाबर को गिरफ्तार किया था। विदेशी हथियारों की तस्करी के आरोप में यह गिरफ्तारी हुई थी। बाबर के सप्लाई किए गए हथियार इतने असली लगते थे कि हथियार बेचने वालों ने भी उसे असली बताकर बेचना शुरू कर दिया था। बाबर के बारे में यह खुलासा एटीएस ने किया था।इरफान सोलंकी से भी जुड़ता रहा है नामजाजमऊ के डिफेंस कॉलोनी में हुई आगजनी केस में बाबर को आरोपी बनाया गया था। इसी केस में सपा विधायक इरफान सोलंकी मुख्य आरोपी हैं। उन्हें जेल भेजा गया। आठ केस के बाद भी बाबर बाहर घूम रहा है। उसके खिलाफ कई मामलों में हथियार सप्लाई करने का आरोप लगा है। वर्ष 2012 में एटीएस की ओर से खुलासा किया गया था कि कानपुर की गुरुरामदास आर्मरी और लखनऊ की नेशनल आर्मरी में बाबर ने अपने यहां बनवाए हथियार सप्लाई किए थे। इन आर्मरी से बाकायदा सरकारी शस्त्र लाइसेंस पर फर्जी हथियार जारी किए गए थे।