दूल्हा बने बाबा महाकाल, हुआ छबिना श्रृंगार, एक झलक पाने को उमड़े भक्त

मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर मे इन दिनों महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. 9 दिनों तक मनाया जाने वाले इस पर्व के दौरान प्रतिदिन बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया जा रहा है. जिसके तहत प्रतिदिन बाबा महाकाल भक्तों को दिव्य रूप में दर्शन दे रहे हैं. मंदिर में शिव नवरात्रि के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. पर्व का आज चौथा दिन था, जिसमें बाबा का छबिना श्रृंगार किया गया.
महाकाल मंदिर के पुजारी पं. महेश पुजारी ने बताया की छबिना श्रंगार का मुख्य उद्देश्य बाबा को दुल्हे के रूप में तैयार करना होता है, जिस प्रकार शादी से पहले दुल्हे को तैयार किया जाता है. उसी प्रकार कि रश्मों के माध्यम से बाबा महाकाल का श्रंगार किया जा रहा है. शिव नवरात्रि के दौरान बाबा को विशेष रूप से छबिना श्रंगार किया गया है. चौथे दिन बाबा महाकाल छबिना रूप में तैयार होकर भक्तों का मनमोहा. अब बाबा महाकाल होलकर, मनमहेश, उमा महेश, शिव तांडव, सप्तधान और चंद्ररूप मे दर्शन देंगे.
अंतिम दिन पहनाया जाता है सेहरा
शिव नवरात्रि पर्व के अंतिम दिन यानी महाशिवरात्रि पर भगवान महाकाल को दूल्हे के रूप में श्रृंगारित किया जाता है. कई क्विंटल वजनी सेहरा धारण करवाया जाता है. पूरे साल में सिर्फ एक बार ही भगवान महाकाल के इस रूप के दर्शन होते हैं, इसलिए इसे देखने के लिए भक्तों की कतार लगती है. भगवान महाकाल का सेहरा बनाने के लिए विदेशी फूलों का उपयोग भी किया जाता है, जो विशेष तौर पर आर्डर देकर मंगवाए जाते हैं.
महादेव का विवाह उत्सव है शिव नवरात्रि
महाशिवरात्रि पर्व को लेकर मान्यता है कि इस दिन शिवजी का देवी पार्वती से विवाह हुआ था. शिव नवरात्रि इसी विवाह के पहले का उत्सव है. ये उत्सव सिर्फ उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ही मनाया जाता है, जो महाशिवरात्रि से 9 दिन पहले शुरू होता है. इन 9 दिनों में भगवान महाकाल को हल्दी और मेहंदी लगाई जाती है. इन 9 दिनों में भगवान महाकाल का मोहक श्रृंगार के साथ ही पूजन, अभिषेक और अनुष्ठान का दौर चलता है.
अब होंगे यह श्रृंगार
महाशिवरात्रि के दौरान 4 दिनों तक बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया. आने वाले दिनों में बाबा महाकाल अपने भक्तों को विभिन्न स्वरूपों में दर्शन देंगे. मंगलवार को शिव नवरात्रि के पांचवे दिन भगवान महाकाल होलकर रूप में भक्तों को दर्शन देंगे.
छठे दिन महाकाल मनमहेश स्वरूप में दिखाई देंगे. शिव नवरात्रि के सातवें दिन भगवान शिव के साथ देवी पार्वती भी दिखाई देंगी. इसे उमा-महेश श्रृंगार कहा जाता है. आठवें दिन महाकाल का श्रृंगार शिव तांडव स्वरूप में होगा. शिव नवरात्रि के अंतिम दिन यानी महाशिवरात्रि पर भगवान महाकाल दूल्हे के रूप में दर्शन देते हैं. जिसे सेहरा दर्शन कहा जाता है.