मध्य प्रदेश के शाजापुर जिला मुख्यालय में एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है. जिसका जिक्र इतिहास में भी देखने को मिलता है. इसमें कई प्राचीन कहानियां इस मंदिर से जुड़ी हुई देखी जाती है. दरअसल, जिले से पश्चिम दिशा में नेशनल हाईवे 52 पर शाजापुर का प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है. जहां भैरव टेकरी की ऊंचाई 1 हजार 999 फिट है. लेकिन फिर भी श्रद्धालु हंसते-हंसते टेकरी पर चढ़ते हुए दिखाई देते हैं. भैरव टेकरी पर हर साल भैरव पूर्णिमा पर भक्तों का तांता लगा रहता है. इस नगर को भैरव के नाम से भी पहचाना जाता हैं.
दरअसल, मालवा क्षेत्र में भैरव टेकरी पर दर्शन करने के लिए भक्तों को 511 सीढ़ी चढ़कर भैरव बाबा के दर्शन करने के लिए जाना पड़ता है. यहां के पुजारी ने बताया कि मंदिर का उल्लेख पुराणों में भी है. दर्शनीय स्थल होने के साथ ही यहां पेड़ पौधों से गिरी हुई टेक है. कई जीव जंतु टेकरी पर पाए जाते हैं.
श्रद्धालुओं का मानना है कि जो भी भक्त यहां पर अपनी मनोकामनाएं लेकर आता है वहां पत्थर के ढेर जमा कर घर बनाने एवं अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए पत्थर की ढेरी लगाता है. वहीं, अपनी मनोकामना पूरी होने पर भक्त वापस भैरव बाबा के दरबार में दर्शन के लिए आते हैं. ऐसे में जो पत्थर के घर बनाए थे उनको हटा देते हैं. बता दें कि श्रद्धालु का कहना है कि भैरव टेकरी चढ़कर बाबा भैरव के दर्शन करने के बाद उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.
अब तक भैरव टेकरी नहीं बन सका पर्यटन स्थल
एक तरफ जहां प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के दावे किए जा रहे है. वहीं, दूसरी ओर जिले की सबसे ऊंची टेकरी भैरव टेकरी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने का सपना अब तक पूरा नहीं हो पाया है. शिखर पर वेटिंग हॉल, बाउंड्रीवाल, ब्लॉक आदि का काम नहीं हो पाया है. ऐसे में चढ़ाई के लिए बनाई गई सीढियों की भी जरुरत हैं. यहीं नहीं शहर कोतवाल भैरव बाबा का अब तक मंदिर नहीं बन पाया है. निर्माण समिति प्रस्तावित कामों के लिए धर्मस्व विभाग व पर्यटन विभाग से आस लगाए बैठी है.
समुद्र तल से भैरव टेकरी की ऊंचाई 1 हजार 999 फीट
वहीं, जिला मुख्यालय पर स्थित भैरव टेकरी की ऊंचाई समुद्र तल से 1 हजार 999 फीट है. टेकरी के ऊपर से क्षेत्र का मनोरम दृश्य दिखाई देता है. टेकरी को धार्मिक पर्यटन स्थल बनाने के लिए कवायद लंबे समय से चल रही है. लेकिन विकास के कामों में राशि के अभाव में बार-बार ब्रेक लग रहा है.