दूल्हा बनने के बाद फिर निराकार स्वरूप में बाबा महाकाल, भस्म आरती में शामिल हुए श्रद्धालु

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया. मंदिर में लाखो श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. महाशिवरात्रि पर्व पर लगभग 15 लाख दर्शनार्थियों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए. महाकाल मंदिर में बाबा ने भक्तों को सवा कुंटल फूलों के सेहरे के रूप में दर्शन दिया. इसके बाद पंडित पुजारी द्वारा बाबा महाकाल को दिन में होने वाली भस्म आरती की. बाबा महाकाल की महाशिवरात्रि के दूसरे दिन में आज 12 बजे भस्म आरती की गई. इसमें बड़ी संख्या मे श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल हुए.
पंडित महेश पुजारी के मुताबिक भगवान महाकाल का महाशिवरात्रि पर्व पर सेहरा सजाया जाता है. बाद में प्रात: काल सेहरे के दर्शन होते हैं. परंपरा अनादि काल से चली आ रही है. इसी वजह से महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भस्म आरती दोपहर में संपन्न कराई गई.
सूखे मेवे और भांग से किया गया श्रंगार
साथ ही उन्होंने कहा कि आरती के साथ महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व का समापन हो गया है. राजाधिराज भगवान महाकाल को भस्म आरती के पूर्व दूध, दही, घी, फलों का रस के साथ स्नान कराया गया. इसके बाद भगवान का सूखे मेवे और भांग से आकर्षक श्रृंगार किया गया. राजाधिराज का श्रृंगार होने के बाद महानिवार्णी अखाड़े के महंत विनीत गिरी के द्वारा भस्म आरती की गई.
दोपहर मे हुई भस्मारती
साल में एक बार ही ऐसा होता है कि बाबा महाकाल की भस्म आरती अलसुबह न होकर दिन में 12 बजे होती है. इसके पूर्व बाबा महाकाल भक्तों को मनोरम सवा मन के फूलों का सेहरे में दर्शन देते हैं. जिसके देखने के लिए भक्तो का तांता लगा रहा. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में महाशिवरात्रि पर्व का समापन किया गया. बाबा महाकाल की साल में एक बार होने वाली भस्म आरती की गई. भगवान महाकाल को रात्रि 10.30 बजे के बाद जलपात्र से जल चढना बंद हुआ. इसके बाद महाभिषेक प्रारंभ हुवा, जिसमें पंचामृत (दूध, दही, शक्कर, शहद, घी), पॉच प्रकार के फलों के रस, गंगाजल, गुलाबजल, भांग आदि सामग्री के साथ केशर मिश्रित दूध से अभिषेक किया एवं गर्म जल से स्नान करवाया गया.
इस तरह हुआ महापर्व का समापन
बाबा महाकाल को नए वस्त्र धारण करवाए गए. इसके बाद महाकाल की साल में एक बार होने वाली भस्म आरती ढोल ताशे और नगाड़े के साथ की गई. हालांकि, बाबा महाकाल की भस्म आरती में आम श्रद्धालु, वीवीआइपी और पुजारी परिवार के सदस्यों को प्रवेश नहीं दिया गया था. भस्म आरती के साथ ही दो दिनी महाशिवरात्रि पर्व का समापन किया गया.