देवेंद्र फडणवीस-अजित पवार की सुबह वाली शपथ शरद पवार की ‘चाल’ थी? NCP नेता जयंत पाटिल के बयान से हड़कंप

मुंबई: महाराष्ट्र में आज से तकरीबन तीन साल पहले एक बड़ी सियासी हलचल हुई थी। दरअसल 23 नवंबर 2019 की सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और अजित पवार (Ajit Pawar) ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) की मौजूदगी में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। राजभवन में सुबह पांच बजे हुए शपथ समारोह की चर्चा उस दिन महाराष्ट्र (Maharashtra) और देश में हुई थी। आज भी यह लोगों की जुबान पर अक्सर चर्चा का विषय बनता रहता है। इस मामले में एनसीपी (NCP) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल (Jayant Patil) ने एक सनसनीखेज बयान दिया है। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले राजभवन में देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार जो शपथ समारोह हुआ था। वह शरद पवार (Sharad Pawar) का एक खेल भी हो सकता है। जयंत पाटिल ने अपने बयान के पीछे यह तर्क दिया है कि उस समय महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था। संभव है कि शरद पवार ने राष्ट्रपति शासन (President Rule) हटाने के लिए यह तरकीब आजमाई हो? अब जयंत पाटिल के इस बयान से महाराष्ट्र की सियासत (Maharashtra Politics) में हड़कंप मचा हुआ है।उद्धव ठाकरे गुट की मौजूदा हालत को देखते हुए जयंत पाटिल ने कहा कि एनसीपी में फूट नहीं पड़ी। शिवसेना के विधायक पार्टी को छोड़कर गए लेकिन एनसीपी आखिर तक शिवसेना का साथ दिया, यह बात जग जाहिर है। दरअसल जयंत पाटिल से मीडिया ने यह सवाल पूछा था कि शरद पवार पर बीजेपी के साथ गुप्त मिलीभगत के आरोप लगाए जा रहे हैं। इसी सवाल के जवाब में जयंत पाटिल ने यह बयान दिया है। एनसीपी के ठाकरे गुट को अल्टीमेटमवंचित बहुजन अघाड़ी के मुखिया प्रकाश आंबेडकर ने शरद पवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए उद्धव ठाकरे को चेताया है। उन्होंने कहा कि शरद पवार अपरोक्ष रूप से बीजेपी के साथ हैं और उनके इशारे पर ही काम कर रहे हैं। उसके बाद एनसीपी ने भी उद्धव ठाकरे को अल्टीमेटम दिया है। एनसीपी ने कहा कि उद्धव ठाकरे जल्द से जल्द चुनावों के मद्देनजर महाविकास अघाड़ी के संदर्भ में फैसला लें और अपनी भूमिका सार्वजनिक करें। जिससे हम जल्द से जल्द आपस में बैठकर आगे के निर्णय ले सकें।