दिल्ली आज से 11 साल पहले हुए डबल मर्डर से दिल्ली दहल जाती है। मानक विहार में एक घर के अंदर मिलती है मां-बेटी की लाश। 29 साल की गुरप्रीत कौर और उनकी 8 साल की बेटी जैसमिन खून से लथपथ कमरे में होते हैं, जबकि गुरप्रीत की 2 साल की बेटी वहीं पास में बेड पर खेल रही होती है।दिल्ली की मां-बेटी की मर्डर मिस्ट्रीगुरप्रीत और उनकी बेटी दोनों के शरीर में जगह-जगह पर कट के निशान होते हैं। गुरप्रीत की गर्दन, उनकी चेस्ट, हाथ और पैरों में वार किए गए थे, जबकि बच्ची के गले में कट के निशान थे। सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात थी कि गुरप्रीत के पेट में एक कट निशान बना हुआ था जो किसी धार्मिक साइन की तरफ इशारा करता था। ऐसा लगता था कि जैसे जानबूझकर वो निशान पेट पर बनाया गया है। मानक विहार में हुआ था मां-बेटी का कत्लदो लाशे पुलिस के सामने होती है और सवाल कई होते हैं। मानक विहार के भीड़ भाड़ वाले इलाके में बना ये घर और घर के अंदर दिन दहाड़े हत्या। सबसे पहले घर का नौकर संजीव लाश को देखता है। घर के फर्स्ट फ्लोर में गुरप्रीत कौर और दो बेटिया और पति रहते थे। जबकी ग्राउंड फ्लोर पर इनके ही एक रिश्तेदार अपना आटोमोबाइल का काम थे। गुरप्रीत के पति का ट्रांस्पोर्ट का बिजनेस है। कत्ल से पहले कपड़े सुखाते देखा गया थाजब पुलिस मौके पर पहुंची तो घर पूरी तरह से अस्त-व्यस्त था। अलमरियां बिखरी हुई थीं। परिवारवालों ने बताया कि घर से 35 हजार रुपये और कुछ जूलरी चोरी हुई है। पुलिस ने रॉबरी का मामला दर्ज किया। ये कत्ल शाम को साढे चार बजे हुआ था। नौकर को गुरप्रीत के पति ने कुछ काम से बाहर भेजा था। घर पर महिला और उनकी दो बेटियां थी। करीब 3 बजे गुरप्रीत के पड़ोसियों ने उन्हें बॉलकनी में कपड़े सुखाते हुए देखा था। गुरप्रीत के फोन से ये भी साफ हुआ था कि एक बजे उन्होंने अपनी मां से फोन पर बात की थी। यानी कत्ल 3 से 4 के बीच हुआ। केस को को रॉबरी की शक्ल देने की कोशिशपुलिस ने रॉबरी का केस तो दर्ज कर लिया था, लेकिन जब दोनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो पुलिस की थ्योरी बदल गई। रिपोर्ट में पता चला कि गुरप्रीत के शरीर में 16 से 18 बार वार किए गए थे। यहां तक कि उनकी मौत के बाद उनपर ज्यादा चाकुओं से हमले हुए। अगर ये मामला रॉबरी का होता तो क्यों कातिल कत्ल के बाद भी लाश को मारता? रॉबरी में कातिल का ध्यान घर लूटने में होता है। उसका मकसद चोरी होता और इसलिए ये साफ था कि ये रॉबरी तो नहीं है। भीड़-भाड़ वाली जगह पर था घरअब सवाल था कि फिर क्यों हुआ कत्ल? पुलिस ने ये माना कि कातिल गुरप्रीत को मारने ही घर में आया था, लेकिन उनकी बेटी ने कत्ल होते हुए देख लिया तो कातिल ने उसे भी मार डाला, ताकि बच्ची कातिल पहचान न ले। पुलिस की थ्योरी के मुताबिक शायद उस वक्त छोटी बेटी सो रही होगी इसलिए हत्यारे का ध्यान उस तरफ नहीं गया। आसपास के किसी आदमी ने घर के अंदर जाते हुए भी किसी को नहीं देखा, जबकि ये घर काफी भीड़-भाड़ वाली जगह पर था। 500 से ज्यादा लोगों से हुई पूछताछपुलिस ने छाबीन शुरू की। घर के नौकर संजीव से पूछताछ हुई, लेकिन उसने बताया कि उसे तो घर से बाहर भेजा गया था और जब वो लौटकर आया तो हत्या हो चुकी थी। गुरप्रीत के फोन के डाटा को खंगाला गया। उसके दोस्तों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों, सबसे पूछताछ हुई, लेकिन कुछ भी निकल कर नहीं आया। पुलिस के लिए वो धार्मिक निशान पहेली बना हुआ था। इस केस में 500 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हुई। कुछ दिन पहले इन लोगों ने घर में एक अलमारी मंगवाई थी, उस सेल्समेन से भी सवाल किए गए, लेकिन केस और उलझता ही चला गया। पुलिस को घर में मिले कुछ बालपुलिस की कई टीम बनाई गई। फॉरेंसिक जांच हुई, लेकिन कातिल ने घर से सारे सुराग मिटा दिए थे। घर में कई फिंगर प्रिंट्स या खून के निशान नहीं थे। तौलिए और रजाई की मदद से खून के धब्बे साफ किए गए थे। बस पुलिस को एक टूटा हुआ चाकू मिला। हालांकि पुलिस का मानना था कि इसके अलावा भी कोई और हथियार हत्या में इस्तेमाल किया गया होगा। इसके अलावा बारिकी से देखने पर पुलिस को घर से कुछ बाल मिले। ये बाल पुलिस के लिए सबसे अहम सुराग थे। मां-बेटी के मर्डर का केस बना पहेलीइस केस की जांच चलती रही। हालांकि पुलिस ने इस मामले में कुछ बताने से बचती नजर आई, लेकिन खबरे सामने आई कि ये मर्डर केस दिल्ली में ही हुए एक दूसरे मर्डर केस जुड़ा हुआ हो सकता है। उस मर्डर केस में कातिल के उत्तराखंड के एक बोर्डिंग स्कूल से होने के सबूत हाथ लगे थे। पुलिस की को लेकर तलाश चलती रही, लेकिन ये केस कभी सॉल्व नहीं हो पाया। मानक विहार की मां-बेटी का मर्डर हमेशा के लिए मिस्ट्री बनकर रह गया।