सीरियल किलर से आखिरी सांस तक लड़ी 6 साल की मासूम, मर्डर जिससे कांप गया था दिल्ली का दिल

नई दिल्ली: साइको क्रिमिनल बताए जा रहे रविंद्र कुमार ने भले ही पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूला हो। उसने बच्चों के साथ रेप और मर्डर की 30 से अधिक वारदातों में शामिल होने का कथित तौर पर खुलासा किया हो, लेकिन अदालत के सामने वह हमेशा बेगुनाह होने का दावा करता है। आरोप तय होने के बाद भी उसने अपना गुनाह कबूला नहीं। अभियोजन पक्ष उसे नृशंस अपराधी साबित करने में सफल रहा और दोषी अपने बचाव में कोई सबूत अदालत के सामने नहीं ला सका।2015 में छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी बर्बरता से हत्या के मामले में एडिशनल सेशन जज सुनील कुमार ने 6 मई को अपना फैसला सुनाया। रविंद्र को पॉक्सो के अलावा अगवा करने, रेप, हत्या और सबूत नष्ट करने के अपराधों का दोषी ठहराया गया। अदालत ने कहा कि छह साल की असहाय बच्ची ने विपरीत परिस्थितियों में आरोपी के चंगुल से बचने के लिए अपनी आखिरी सांस तक संघर्ष किया था। दोषी को ताउम्र कैदी की सजा रेप के अपराध के लिए सुनाई गई, जबकि अन्य अपराधों के लिए सुनाई गई सजा साथ में चलती रहेंगी। दोषी की पारिवारिक और आर्थिक स्थिति के मद्देनजर कोर्ट ने उस पर पीड़ित के परिवार के लिए मुआवजे का कोई बोझ नहीं डाला। यह जिम्मेदारी संबंधित जिले की लीगल सर्विस अथॉरिटी को दी गई, जिसे निर्देश मिला है कि वह पीड़ित परिवार को मुआवजे के तौर पर 15 लाख रुपये का भुगतान करे। जज ने स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर विनीत दहिया और बचाव पक्ष के वकील अभिषेक श्रीवास्तव की तारीफ करते हुए अपने आदेश में कहा कि उनके प्रयासों से मौजूदा केस की सुनवाई समय से और प्रभावी ढंग से पूरी हो गई। बचाव पक्ष ने दोषी की उम्र और पिछली पृष्ठभूमि साफ होने के आधार पर अदालत से सजा में नरमी की गुहार लगाई। इसके विरोध में एसपीपी दहिया ने कहा कि दोषी को अपने कृत्य पर कोई पछतावा नहीं है। उसने अपने इकबालिए बयान में 30 से ज्यादा मासूम बच्चों के रेप और मर्डर की बात कबूली थी। इसलिए वह मौत की सजा के लायक है। दोषी से अदालत से भी खुद को बेगुनाह बताते हुए सजा में नरमी की गुहार लगाई। अभियोजन ने रविंद्र को दोषी साबित करने के लिए 24 गवाह पेश किए थे। अदालत का रहम से इनकारदोषी पर रहम करने से इनकार करते हुए अदालत ने कहा, उसे गुनाह की अधिकतम सजा मिलनी चाहिए, ताकि समाज तक संदेश पहुंचे कि हमारी न्याय प्रणाली अपराधियों के साथ कोई हमदर्दी नहीं रखती और हर अपराध के लिए वाजिब सजा सुनाई जाएगी। अदालत ने रविंद्र को रेप के अपराध के लिए ताउम्र कैद दी। अन्य अपराधों की सजा भी साथ-साथ चलती रहेंगी। केस बेगमपुर थाने का है। बच्ची के माता-पिता ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। छानबीन के दौरान बच्ची का शव झाड़ियों से बरामद हुआ था। अभियोजन के मुताबिक, दोषी बदायूं का रहने वाला है और नशे का आदी रहा है।घटना वाले दिन क्या हुआ थावारदात 14 जुलाई 2015 की है। छह साल की बच्ची सूखी नहर के पास गई थी। जब काफी देर बात भी बच्ची वापस नहीं लौटी तो परिजन उसे ढूंढने निकले। पुलिस में भी शिकायत दी गई। पुलिस को बच्ची का शव इलाके की एक सुनसान पड़ी इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर मिला। उसके तन पर कोई कपड़ा नहीं था।