एक न्यूज चैनल से बात करते हुए आशा देवी ने कहा कि नया साल मनाया जा रहा है उस मां से पूछिए कि जिसकी बेटी घर नहीं आई। पुलिस की कार्रवाई पर ध्यान क्यों नहीं जा रहा है। जो घटना हुई है वह गैंगरेप है। किसी तरह का कोई निशान नहीं मिले इसलिए जानबूझकर उसको गाड़ी के साथ घसीटा गया। पुलिस के सामने आरोपियों ने जो कहा वह पुलिस ने यकीन कर लिया। ऐसी धारा लगाई गई कि थाने से ही जमानत मिल जाए। दिल्ली पुलिस ने पूरा केस ही खराब कर दिया। पुलिस को यह जांच करनी चाहिए थी कि कहीं जानबूझकर तो उसके चक्के के नीचे नहीं घसीटा।
निर्भया की मां ने कहा कि बच्ची को इंसाफ मिलना चाहिए। आशा देवी ने कहा कि दस से 12 किलोमीटर घसीटा जाता है कहीं यह सबूत मिटाने के लिए तो नहीं किया गया। इस मामले में दिल्ली पुलिस के पूर्व डीसीपी एलएन राव ने कहा कि कपड़े जरूर मिलने चाहिए थे। दिल्ली पुलिस की ओर से इस मामले में कमियां दिख रही हैं।
वहीं कुछ फॉरेंसिक एक्सपर्ट का कहना है कि 12 किलोमीटर तक लड़की को घसीटा गया उसके बाद उसके शरीर पर कपड़े का कोई न कोई टुकड़ा जरूर होना चाहिए था। पूरा कपड़ा बिना हाथ से उतारे ऐसा संभव नहीं है। किसी न किसी जगह पर तो कपड़े का कोई टुकड़ा मिलना चाहिए। वहीं इस घटना के बाद पुलिस को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। घटना के वक्त इतनी दूर के बीच कोई जवान भी नहीं था।
मृतका की मां ने कहा मैंने शनिवार रात नौ बजे उससे बात की थी और पूछा था कि वह कब लौटेगी। उसने कहा कि वह थोड़ी देर में घर आ जाएगी। बाद में, मैंने अपनी दवाई ली और सो गई, उसके बाद मुझे कुछ नहीं पता कि क्या हुआ। उन्होंने कहा कि पुलिस कुछ नहीं कर रही है, बस इसे एक दुर्घटना का रूप देने की कोशिश कर रही है।