Delhi Liquor Scam: मनीष सिसोदिया को झटका, कोर्ट ने ईडी मामले में जमानत याचिका खारिज की

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। मनीष सिसोदिया के लिए यह बड़ा झटका है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। मनीष सिसोदिया को ईडी ने 9 मार्च को मामले में गिरफ्तार किया था। इस बीच, अदालत ने आबकारी मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में सह-अभियुक्त राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा ​​की जमानत याचिकाओं पर आदेश को 6 मई तक के लिए टाल दिया। इसे भी पढ़ें: Excise Policy Case: शराब घोटाले में सिसोदिया को नहीं मिली राहत, 12 मई तक बढ़ी न्यायिक हिरासतराउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने यह आदेश सुनाया। वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने सिसोदिया का प्रतिनिधित्व किया जबकि जोहेब हुसैन ने प्रतिनिधित्व किया। सिसोदिया फिलहाल सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सिसोदिया की उस याचिका पर दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसमें दावा किया गया है कि जांच के लिए उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमानत अर्जी का विरोध किया था। ईडी ने कहा था कि जांच ‘महत्वपूर्ण’ चरण में है और आप के वरिष्ठ नेता ने यह दिखाने के लिए मनगढ़ंत ई-मेल तैयार किये थे कि नीति को सार्वजनिक स्वीकृति हासिल थी। इसे भी पढ़ें: Delhi Liquor Policy: CBI ने मनीष सिसोदिया समेत 4 के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, पहली बार आया AAP नेता का नामदिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज किए गए आबकारी नीति मामले में 31 मार्च को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि सिसोदिया प्रथम दृष्टया इस मामले में आपराधिक साजिश के सूत्रधार थे और उन्होंने दिल्ली सरकार में अपने और अपने सहयोगियों के लिए लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख भूमिका निभाई। अदालत ने कहा था कि इस समय सिसोदिया की रिहाई से जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और इसकी प्रगति गंभीर रूप से बाधित हो सकती है।