दिल्ली उच्च न्यायालय ने ठग संजय प्रकाश राय की याचिका पर ईडी से जवाब मांगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने धनशोधन मामले में कथित ठग संजय प्रकाश राय उर्फ संजय शेरपुरिया की अपने खिलाफ अभियोजन पक्ष की शिकायत को रद्द करने का अनुरोध करने वालीयाचिका पर बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से उसका जवाब मांगा।
खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं का करीबी बताकर कई लोगों को ठगने के आरोप में संजय प्रकाश राय को गिरफ्तार किया गया था।
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने ईडी से राय की इस याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा, जिसमें मामले में संज्ञान लेने के निचली अदालत के आदेश की आलोचना करने के साथ ही जांच पर रोक लगाने का अनुरोध किय गया है।
धनशोधन का यह मामला लखनऊ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें राय पर आरोप लगाया गया है कि उसने खुद को वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों का करीबी बताकर आम लोगों से भारी मात्रा में धन की ठगी की।
राय खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़ा हुआ एक सामाजिक कार्यकर्ता बताया करता था।
याचिकाकर्ता के वकील नितेश राणा ने तर्क दिया कि मौजूदा मामला दुर्भावनापूर्ण अभियोजन का मामला है क्योंकि अपराध से कोई आय नहीं हुई है।
ईडी ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाजीपुर, पुणे और गांधीधाम में 42 स्थानों पर तलाशी लेने के बाद संजय प्रकाश राय को गिरफ्तार किया था।
ईडी का आरोप है कि एक मामले में राय ने गिरफ्तारी का डर पैदा करके व्यवसायी गौरव डालमिया और उनके परिवार से 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।
ईडी के मुताबिक कुल राशि में से छह करोड़ रुपये की राशि डालमिया फैमिली ऑफिस ट्रस्ट से जनवरी, 2023 में युवा ग्रामीण उद्यमी फाउंडेशन (वाईआरईएफ) के बैंक खाते में प्राप्त हुई, जिसमें गौरव डालमिया एक ट्रस्टी हैं।
इस मामले की अगली सुनवाई अब अगले साल फरवरी में होगी।