दिल्ली की एक अदालत ने देशद्रोह मामले में शरजील इमाम की जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा, 17 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा। शरजील इमाम का कहना है कि वो कथित अपराध के लिए अधिकतम सात साल कैद में से चार साल पहले ही जेल में काट चुका है। कोर्ट ने कहा कि अगर निचली अदालत उन्हें जमानत देने से इनकार करती है तो वो हाई कोर्ट में आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं। इमाम इस मामले में 28 फरवरी 2020 से जेल में बंद है। इसे भी पढ़ें: शिवसेना नेता को गोली मरने के आरोप में अदालत ने BJP विधायक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजाइससे पहले पूर्व जेएनयू छात्रा और कार्यकर्ता उमर खालिद ने फरवरी 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के पीछे की साजिश में कथित संलिप्तता को लेकर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका बुधवार को वापस ले ली और कहा कि वह अपनी कोशिश करेंगे। इसे भी पढ़ें: परीक्षा के 2 दिन पहले डिलीवरी, घर से 250 किमी दूर जाकर दिया एग्जाम, जानें कैसे आदिवासी लड़की बनी पहली सिविल जजखालिद की जमानत याचिका 6 अप्रैल, 2023 से शीर्ष अदालत में लंबित थी और विभिन्न कारणों से कार्यवाही 13 बार स्थगित की गई थी। बुधवार को जैसे ही मामले की सुनवाई हुई, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ को खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बताया कि वह ‘परिस्थितियों में बदलाव’ के कारण आवेदन वापस लेना चाहते हैं। सिब्बल ने कहा कि मैं कानूनी सवाल (यूएपीए प्रावधानों को चुनौती देने वाले) पर बहस करना चाहता हूं लेकिन परिस्थितियों में बदलाव के कारण जमानत याचिका वापस लेना चाहता हूं। हम ट्रायल कोर्ट में अपनी किस्मत आजमाएंगे। हालांकि, वरिष्ठ वकील ने ‘परिस्थितियों में बदलाव’ के बारे में विस्तार से नहीं बताया।