मुंबई: भारी कर्ज में डूबे कारोबारी अनिल अंबानी (Anil Ambani) को बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक बार फिर राहत दी है। इनकम टैक्स विभाग द्वारा काला धन अधिनियम के तहत अनिल अंबानी को भेजे गए कारण बताओ नोटिस और जुर्माने की मांग पर अस्थाई रोक को बंबई उच्च न्यायालाय ने अगले आदेश तक आगे बढ़ा दिया है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल और नीला गोखले की खंडपीठ ने नोटिस और जुर्माने को चुनौती देने वाली अंबानी की याचिका की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को तय करते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जवाब दाखिल करने के लिए समय दे दिया है। उच्च न्यायालय ने सितंबर, 2022 में कारण बताओ नोटिस पर लंबित सुनवाई पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इसी साल मार्च में अंबानी के वकील रफीक दादा ने अदालत को बताया कि विभाग ने बाद में उनके मुवक्किल को जुर्माने की मांग वाला नोटिस भी भेज दिया। इसके बाद अदालत ने मांग वाले नोटिस पर भी अंतरिम रोक लगा दी। बुधवार को सुनवाई शुरू होने के बाद आयकर विभाग की तरफ से पहुंचे एडवोकेट अखिलेश्वर शर्मा ने संशोधित याचिका के जवाब में ‘व्यापक हलफनामा’ दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था। शर्मा ने कहा, ‘कुछ और प्रतिवादी जोड़ते और कुछ नए दस्तावेज संलग्न करते हुए याचिका को संशोधित किया गया है। विभाग व्यापक हलफनामा दाखिल करने के लिए समय की मांग करता है।’ अदालत ने 21 अप्रैल तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दे दिया है। याचिका को सुनवाई के लिए 28 अप्रैल को लिस्ट किया गया है। अनिल अंबानी की नेटवर्थ जीरोइनकम टैक्स विभाग ने आठ अगस्त, 2022 को अनिल अंबानी को कथित रूप से दो स्विस बैंक खातों में रखे गए 814 करोड़ रुपये से अधिक के अघोषित धन पर टैक्स में 420 करोड़ रुपये की कथित चोरी के लिए नोटिस जारी किया था। अनिल अंबानी की कई कंपनियों भारी कर्ज है और वे इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के दौर से गुजर रही हैं। फोर्ब्स इडिया की साल 2007 में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार तब अनिल अंबानी की नेटवर्थ 45 बिलियन अरब डॉलर थी और उस समय वह देश के तीसरे सबसे बड़े रईस थे। लेकिन आज उनकी नेटवर्थ जीरो है।