पटना: बिहार की राजधानी पटना के बेऊर जेल का सायरन रविवार को अचानक बजने लगा। जेल के अंदर से पगली घंटी की आवाज आने लगी। थोड़ी ही देर में बसों में भर कर पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। चुंकि बेऊर जेल के बाहर आवासीय इलाका है तो वहां हड़कंप मच गया। थोड़ी ही देर में पता चला कि जेल के अंदर कैदियों भिड़ गए हैं। इनमें से एक गुट जेल में बंद पूर्व बाहुबली विधायक का था तो दूसरी तरफ जेल के कर्मचारी। पूरी जेल के अंदर फोर्स भरनी शुरू हो गई। लेकिन कैदी किसी के काबू में नहीं आ रहे थे। बाहर से फिर से और फोर्स मंगवाई गई। इसी बीच पता चला कि अनंत सिंह ने जेल में अपनी हत्या की साजिश की आशंका जताई है। क्यों… पढ़िए नीचेकैसे खुला रह गया अनंत सिंह की बैरक का दरवाजाबताया जा रहा है कि देर रात राजद के पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह की बैरक का दरवाजा बंद ही नहीं किया गया। अनंत सिंह की बैरक का दरवाजा पूरी रात खुला रहा। सुबह में जब अनंत सिंह समर्थक कैदियों को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद उनके सामने विरोधी गुट के कैदी आ गए। फिर जेल के अंदर ही भिड़ंत शुरू हो गई। हाल कितना खराब था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले तो बेऊर जेल में पगली घंटी और सायरन बजाए गए। इसके बाद फौरन ही बाहर से फोर्स बुलाने के लिए संदेश भेज दिया गया। हालात इतने बिगड़ गए थे कि अपने परिजन कैदियों से जेल में मिलने पहुंचे सभी मुलाकातियों को लौटा दिया गया। बेऊर जेल का गेट भी बंद कर दिया गया। पूरे रविवार को बेऊर जेल के अंदर हड़कंप मचा रहा। जेल के वार्डन की लापरवाही?इसकी खबर मिलते ही प्रशासन के आला अफसर भी मौके पर पहुंच गए। काफी मशक्कत के बाद जेल में हालात को सामान्य किया जा सका। माना जा रहा है कि अनंत सिंह की बैरक का दरवाजा खुला रहना जेल वार्डन की लापरवाही थी। हालांकि अभी इसकी जांच कराई जा रही है। जेल आईजी ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अनंत सिंह एके47 और हैंड ग्रेनेड कांड में बेऊर जेल में 10 साल की सजा काट रहे हैं। अब उनके लगाए गए हत्या की साजिश के आरोप के बाद प्रशासन के कान भी खड़े हो गए हैं। लिहाजा इसकी गहराई से पड़ताल कराई जा रही है।