तेल अवीव: प्राचीन रोमन युग के दौरान जादू-टोने से जुड़ा एक अध्ययन सामने आया है। हालिया अध्ययन में यरूशलम के पास रोमन युग में नेक्रोमेंसी या मृत्यु जादू की प्रचीन प्रथा के बारे में पता चला है। पुरातत्वविदों ने एक गुफा का पता लगाया है, जिसे टेओमिम गुफा के नाम से जाना जाता है, जो यरूशलम से लगभग 30 किमी पश्चिम में स्थित है। इसका इस्तेमाल मरे हुए लोगों से बातचीत करने के प्रयास के लिए किया जाता था। गुफा के अंदर प्राचीन मानव खोपड़ी, तेल के चिराग और हथियार की खोज हुई है, जिसने पुरातत्विदों को हैरान कर दिया।शोधकर्ताओं के मुताबिक पाई गई कलाकृतियों को देख कर लगता है कि मरे हुए लोगों से बातचीत करने वाले अनुष्ठान दूसरी और चौथी शताब्दी ईस्वी के बीच हुए थे। यह वह समय था जब बार कोखबा विद्रोह (132-136ई) के नाम से जाना जाने वाला यहूदी विद्रोह खत्म हो गया था और सत्तारूढ़ रोमन साम्राज्य ने यहां के ज्यादातर यहूदी लोगों को या तो खत्म कर दिया और या तो विस्थापित कर दिया था। इसके बाद रोमनों ने अपने साम्राज्य को संभवतः सीरिया, अनातोलिया और मिस्र के लोगों से आबाद किया।छिपने के लिए इस्तेमाल होती थी गुफाइजरायल में बार इलान यूनिवर्सिटी के पुरातत्वविद और इस स्टडी के सह लेखक डॉ. बोअज जिस्सू ने बताया कि जब यहां नई मूर्तिपूजक लोगों की आबादी रहने आई तो नेक्रोमेंसी की प्रथा भी शुरू हुई। इस गुफा को विद्रोह के दौरान यहूदी विद्रोहियों ने छिपने के लिए इस्तेमाल किया था। यह गुफा गहराई में मौजूद है और इस कारण माना जाता था कि इसका कनेक्शन मौत की दुनिया से है। टेओमिम गुफा की हालिया खुदाई से वहां किए जाने वाले प्राचीन अनुष्ठानों को लेकर दिलचस्प जानकारियां मिलती हैं।गुफा में क्या-क्या मिलाशोधकर्ताओं ने यहां 120 से ज्यादा तेल के दिए खोजे हैं। इसके साथ ही कुल्हाड़ी और भाले के ब्लेड के साथ-साथ तीन मानव खोपड़ी खोजी गई है। गुफा के भीतर पाए गए लैंप और सिक्के मिले हैं। माना जा रहा है कि गुफा में मिले दिए रोशनी के लिए नहीं, बल्कि तंत्र मंत्र से जुड़ा है। वहीं, खोपड़ी को लेकर अनुमान है कि जिस मृतक से संपर्क करना था, यह उसकी रही होगी। नेक्रोमेंसी को आमतौर पर बुराई माना जाता है और रोमन साम्राज्य के अंदर यह प्रतिबंधित था। हालांकि प्राचीन शहरों के दूर-दराज के इलाकों में कई जगहों पर इस तरह के तंत्र-मंत्र किए जाते थे।