दमोह: मध्य प्रदेश का दमोह जिला इस समय सुर्खियों में छाया हुआ है. दरअसल जिले के गंगा-जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल से हिन्दू बच्चियों के हिजाब में पोस्टर वायरल होने के बाद इस मामले कई खुलासे हुए हैं. TV9 भारतवर्ष की टीम ने मौके पर पहुंचकर जब पूरे मामले की तफ्तीश की तो एक नई बात निकलकर सामने आई. दरअसल इस स्कूल के पास एक मस्जिद भी बनी है. खास बात ये है कि इस स्कूल में जाने का एक रास्ता मस्जिद से होकर भी जाता है. जो इस्लामिक पाठ हिंदू बच्चियों को पढ़ाया जा रहा था वो वाकई खतरनाक था. इस स्कूल की तीन महिला टीचरों ने कुछ साल पहले ही धर्म परिवर्तन किया था और वर्तमान में तीनों टीचर स्कूल में पढ़ा रही हैं.
ये तीनों पहले हिंदू हुआ करती थी मगर कुछ साल पहले धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बन गई. सवाल ये भी है कि धर्म परिवर्तन करने वाले टीचर को ही स्कूल में पढ़ाने की जगह क्यू दी गई? क्या अगला टारगेट इन हिंदू बच्चियों का भी ब्रेनवॉश कर धर्म बदलना था?
बच्चे को श्लोक नहीं लेकिन कुरान की आयात पूरी याद
टीवी 9 के संवाददाता ने एक हिंदू छात्र से बातचीत की, इस छात्र की बात सुनकर हमारी टीम भी हैरान रह गई. इस मासूम की उम्र महज 10 साल है और ये 5 वी कक्षा में पढ़ता है. इस बच्चे को श्लोक तो एक भी नहीं आता और ना सरस्वती की कोई वंदना आती है. मगर ये बच्चा क़ुरान की आयात एक सांस में बोलता है. मासूम ने ये भी कहा की हमें स्कूल में तिलक लगाने की मनाही है. तिलक लगा कर जाओ तो मिटा देते थे. हमें कोई श्लोक नहीं आता. बच्चे ने कहा वो दिन में ये आयात सीख गया था, उसने ये भी कहा कि अगर आयात याद नहीं होती तो टीचर पिटाई करती थी. टीचर उर्दू का होम वर्क देते थे.
माता-पिता को पता ही नहीं चला बच्चा कब कुरान सीख गया
वहीं जब इस मासूम बच्चे के पिता से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि हमें पता ही नहीं चला कि कब ये सब बच्चा सीख रहा था. हम भी डर गए की ऐसे में कही हमारे बच्चों का ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन ना हो जाए. हम इस स्कूल से बच्चों कोनिकालरहेहैं. वहीं एक अभिभावक गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि हमें इस स्कूल में अपने बच्चे को पढ़ाना ही नहीं है. पता नहीं क्या सीख जाए हमारा बच्चा. अभी तो वो तीन वर्ष का है. नर्सरी में उसका एडमिशन हुआ है, मगर हमें हमारी फ़ीस वापिस चाहिए. डॉक्यूमेंट भी वापस चाहिए. ताकि दूसरी जगह हमएडमिशनकरवासके.
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एक अन्य अभिभावक प्रमेन्द्र रावत की बेटी भी गंगा जमुना स्कूल में पढ़ती है. इनका कहना है कि वो हिजाब पहनती थी. वही क़ुरान भी पढ़ती थी. उसे एक बार हिजाब पहनने से एक बार स्कूल में चक्कर आ गए थे. हमें भी डर सता रहा था कि कही बच्चियों का धर्म परिवर्तन ना हो जाए. उन्होंने कहा कि हम अपनी बच्ची का दाख़िला वापिस लेंगे.
2021 में भी हुई थी स्कूल के ख़िलाफ शिकायत
इस घटना से पहले भी हिंदू संगठन ने 2021 में स्कूल के खिलाफ कलेक्टर से शिकायत की थी. शिकायत में कहा गया था कि स्कूल में हिंदू अभिभावक को कम फ़ीस में पढ़ाने का प्रलोभन दिया जाता था. वही स्कूल की आड़ में मदरसा चल रहा है. मगर जिला शिक्षा विभाग ने इस शिकायत को नजर अन्दाज कर दिया था. फिलहाल जिला शिक्षा अधिकारी के ख़िलाफ शिक्षा मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं. बता दें कि गंगा जमुना स्कूल में नर्सरी से कक्षा 12 वी तक 1208 बच्चे पढ़ते हैं. 2012 में स्कूल को मान्यता मिली थी.
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