वहीं बीजिंग में रह रहे भारतीयों का कहना है कि चीन में कोरोना संक्रमण की यह रफ्तार वुहान से बहुत ज्यादा है। कुछ अनुमानों के मुताबिक चीन में कोरोना के ताजा विस्फोट से 20 लाख लोगों की मौत हो सकती है। एक चर्चित वैज्ञानिक ने अपने महावायरल ट्वीट में यहां तक कह दिया कि अगले तीन महीने के अंदर चीन की 60 फीसदी आबादी कोरोना से संक्रमित हो सकती है। इन भयावह चेतावनियों के बीच भारत समेत पूरी दुनिया में लोग यह जानना चाहते हैं कि चीन में आखिर क्यों कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं? क्या इसके लिए कोरोना का नया वेरिएंट जिम्मेदार है। चीन अपने यहां और दुनिया में इसके प्रसार से निपटने के लिए क्या कर रहा है।
वुहान कांड का इतिहास दोहराने जा रहा ?
ये सवाल हर किसी को परेशान किए हुए हैं लेकिन इसका कोई ठोस जवाब नहीं है। चीन ने पूरे मामले पर हमेशा की तरह से चुप्पी साध रखी है। चीन अभी भी संक्रमितों और मौतों की संख्या को बहुत कम करके दिखा रहा है। चीन ने जहां कोई ठोस जवाब नहीं दिया है, वहीं वह बेहद क्रूर जीरो कोविड नीति का पालन कर रहा है। इसकी वजह से चीन में भयंकर प्रदर्शन हुए। इसके बाद जिनपिंग सरकार ने अपने देश में कोरोना नियमों में ढील दी। इससे अब पूरे देश में बहुत तेजी से कोरोना का प्रसार हो रहा है। चीन ने कुछ उसी तरह से इन मामलों पर चुप्पी साधी है, जैसे उसने साल 2019 और 2020 में पहली बार कोरोना के मामले आने पर किए थे। इसके बाद से अभी तक हम कोरोना वायरस को पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं। अब लोगों को यह डर सता रहा है कि क्या वुहान कांड का इतिहास फिर से दोहराने जा रहा है।
चीन जहां इस समय कोरोना से कराह रहा है, वहीं बाकी दुनिया परेशान है। यही वजह है कि चीन का कोरोना के बारे में पारदर्शी तरीके से सूचना देना बहुत जरूरी है। इससे दुनिया आत्मसंतोष से बाहर निकलेगी और अगर यह दुनिया के अन्य हिस्सों में फैलता है तो इसका बहुत विनाशकारी असर होगा। यह भी सवाल किए जा रहे हैं कि क्या चीन में कोरोना वैक्सीन कम लगने के कारण यह महामारी फैल रही है ? या इसके पीछे कोरोना वायरस का कोई नया वेरिएंट है। क्या चीन से हवाई रास्ता बंद कर देना चाहिए ताकि साल 2019 जैसा हाल हमारा न हो जाए, या दुनिया को अपने नागरिकों को एक बार फिर से कोरोना वैक्सीन की एक और डोज देनी चाहिए। इन सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या कोरोना की ताजा लहर पहले से ही अस्थिर वैश्विक अर्थव्यवस्था बिखर जाएगी।
चीन ताजा कोरोना संकट के बारे में दे सूचना
इन सवालों के जवाब बेहद जरूरी हैं। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि दुनिया के अन्य देश इससे सबक लेकर अपने यहां बचाव के उपाय कर पाएंगे। वह भी तब जब हम कोरोना के साथ एक और साल बिताने जा रहे हैं। इन सवालों के जवाब तभी संभव हैं जब अपने घरेलू मामलों में चुप्पी साधे रखने की नीति को चीन छोड़ेगा। कोरोना वायरस किसी सीमा या राष्ट्रीयता को नहीं मानता है। यही वजह है कि चीन को ताजा कोरोना संकट के बारे में महत्वपूर्ण सूचना देनी चाहिए। यह महामारी को लेकर दुनिया को तैयार रखने में मदद करेगा। अगर चीन साल 2019 की तरह से कोरोना को छिपाता है तो यह हमारी मदद नहीं करने जा रहा है।