मेन लाइन से लूप लाइन पर चली गई थी कोरोमंडल एक्सप्रेस, आखिर क्या है इन दोनों में अंतर?

नई दिल्ली : ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को भयावह रेल हादसा (Odisha Train Accident) हुआ। इसमें 288 लोग मारे गए और करीब 800 घायल हो गए। शुरुआती जांच रिपोर्ट से यह सामने आया है कि यह दुर्घटना कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन (Coromandel Express Train) के मेन लाइन से लूप लाइन पर जाने के कारण हुई। यह ट्रेन बाहानगा बाजार स्टेशन से थोड़ा सा पहले लूप लाइन (Loop Line) पर चली गई थी, जहां पहले से ही मालगाड़ी खड़ी थी। इसी मालगाड़ी से कोरोमंडल एक्सप्रेस टकरा गई। इससे ट्रेन के कुछ डिब्बे दूसरी लाइन पर गिर गए थे। इसी दौरान बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस डाउन मेन लाइन से जा रही थी, जिसकी टक्कर इन डिब्बों से हो गई और यह बड़ा हादसा हो गया।लूप लाइन और मेन लाइन में फर्करेलवे में प्रमुख रूप से दो लाइनें (Types of Railway Lines) होती हैं। एक आने वाली और दूसरी जाने वाली। इसे हम अप और डाउन भी बोलते हैं। ये मेन लाइनें (Main Lines) होती हैं। अब रेलवे स्टेशन पर आवश्यकता के अनुसार इन मेन लाइनों में से ही दो या चार अतिरिक्त लाइनें निकाली जाती हैं। इनमें से कुछ पर ट्रेनें प्लेटफॉर्म तक पहुंची हैं और कुछ पर मालगाड़ी खड़ी रहती हैं। इन्हें ही लूप लाइनें कहते हैं। इन लूप लाइनों को रेलवे स्टेशनों के आस-पास ही बिछाया जाता है। आमतौर पर इनका इस्तेमाल मालगाड़ियों को खड़ी करने के लिए होता है। सामान्य तौर पर लूप लाइन की लंबाई 750 मीटर होती है। ओड़िसा में रेल दुर्घटना इसीलिए हुई, क्योंकि कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन से डीरेल होकर लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई।बंद हो गया था सिग्नलशुरुआती जांच रिपोर्ट के अनुसार, कोरोमंडल एक्सप्रेस को पहले ग्रीन सिग्नल था। लेकिन बाद में यह बंद हो गया। यह पता नहीं चल पाया है कि यह तकनीकी प्रॉब्लम के चलते हुआ या मानवीय भूल के चलते हुआ। यह हादसा इतना बड़ा इसलिए हुआ, क्योंकि दोनों ट्रेनों में करीब 2 हजार यात्री सवार थे।