अडानी के मुद्दे पर कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ‘बीजेपी को छिपाने या डरने की जरूरत नहीं’ वाले बयान पर अब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पलटवार किया है। उन्होंने मंगलवार (14 फरवरी) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अगर इनके (बीजेपी) पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो जेपीसी की मांग से क्यों भाग रहे हैं? अडानी मुद्दे को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में भी जिक्र नहीं करने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जांच अडानी की भी होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में याचिका हिंडनबर्ग की जांच के लिए है। एक गाना था कि, बदन पे सितारे लपेटे हुए, अब है तिरंगा लपेटे सब छिपा रहे हैं। गृहमंत्री ने कहा कि अडानी मामले में सरकार के पास कुछ छिपाने के लिए नहीं है।अगर कुछ छिपाने के लिए नहीं है तो JPC की मांग से क्यों भाग रहे हैं?हमें संसद में इस बात का जिक्र करने भी नहीं देते हैं।: @Jairam_Ramesh जी pic.twitter.com/v16rI1zNBM— Congress (@INCIndia) February 14, 2023
जयराम रमेश ने कहा कि जांच इसकी भी होनी चाहिए कि अडानी और मोदी के बीच क्या रिश्ता है। इतने सालों से क्या छिपाया गया। जय राम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा निजी निवेश के पक्ष में रही है। कांग्रेस का मानना है कि हमारी आर्थिक तरक्की भारी मात्रा में निजी निवेश पर होगा। हमारा हमेशा से कहना है कि निजी निवेश ही एक मात्र इंजन है तरक्की का। इसके लिए प्रोत्साहन देना जरूरी है।उन्होंने आगे गहा कि हम उद्यमशीलता के पक्ष में है। उद्यमशीलता से नए व्यापार के दरवाजे खुलेंगे। यही एक रास्ता है आर्थिक तरक्की के लिए। तीसरा सिद्धांत हमारा ये है कि हम अंध निजीकरण के खिलाफ हैं। सार्वजनिक संपत्ति बेची जा रही है, उसके खिलाफ हैं हम। जो पब्लिक सेक्टर मुनाफे में है उसे भी बेचा जा रहा है। हम इसके खिलाफ हैं। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि, हमारा चौथा सिद्धांत है कि हम उदारीकरण में विश्वास रखते हैं। मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान इसकी शुरूआत हुई थी। इसके लिए नियम होने चाहिए, संस्थाएं होनी चाहिए। ये संस्थाओं को स्वतंत्र रुप से चलने का अधिकार होना चाहिए।हमारी लड़ाई मित्रवादी पूंजीवाद को लेकर है। ये जो मिसाल है आज जिसकी संसद के भीतर चर्चा है बाहर चर्चा हो रही है। ये मित्रवादी-पूंजीवाद का प्रभावशाली मिसाल है। पारिवारिक मिसाल है। जिस तरीके से एक कंपनी को निजीकरण से फायदा पहुंचाया गया है खास तौर से हवाई अड्डों का निजीकरण, बंदरगाह का निजीकरण उसके खिलाफ हमारी लड़ाई है। कांग्रेस ने दोहराया कि जेपीसी जांच को लेकर विपक्ष एक है। इसकी जांच कोई और करेगा तो मूल सवालों का जववाब नहीं मिल पाएगा। जयराम रमेश ने कहा कि जो सवाल हमने संसद में पूछे उसे रिकॉर्ड से हटाया गया। अडानी के नाम को भी हटाया गया। मैंने एक मांग की थी राज्यसभा में कि जो भी वो कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं उसे राज्यसभा के पटल पर रखे, उसे भी रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। हम पीछे हटेंगे नहीं। हमें धमकी दी जा रही है कि जो कुछ भी आप संसद के अंदर बोलेंगे वह हटा दिया जाएगा। हमें धमकी दी जा रही है कि जो कुछ भी आप संसद के अंदर बोलेंगे वह हटा दिया जाएगा। हमें धमकियां दी जा रही है कि अगर माफी नहीं मांगी गई तो संसद से सस्पेंड कर दिए जाएंगे।ऐसी धमकी देने वाले झारखंड के एक सांसद हैं, जिनके क्षेत्र में अडानी का पॉवर प्लांट है।: @Jairam_Ramesh जी pic.twitter.com/F9NFE9tW1C— Congress (@INCIndia) February 14, 2023
उन्होंने आगे कहा, मैंने आज सुबह सेबी के अध्यक्ष और RBI के गवर्नर को खत लिखा है और मांग की है कि इस अडानी मामले पर वो निष्पक्ष जांच कराए। जो कुछ जांच कराने की जरूरत है, जो कार्रवाई उनको करना है वो बेझिझक करे, वो पीएम और मंत्रियों ने ना डरें।