कांग्रेस ने 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र से पहले मंगलवार को संसदीय रणनीति समूह की बैठक की। बैठक कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर शुरू हुई। बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी समेत अन्य प्रमुख 10 जनपथ पहुंचे। बैठक के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बताया कि आज सोनिया गांधी की अध्यक्षता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में हमारी संसदीय रणनीतिक समिति की बैठक हुई। जिसमें हमने उन अहम मुद्दों पर चर्चा की जिनका सामना आज देश कर रहा है। उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर और हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा पर चर्चा हुई। इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तुलना धोनी से करना इस महान क्रिकेटर का अपमान : सुरजेवालाकांग्रेस सांसद ने बताया कि 18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है लेकिन बीजेपी ही नहीं बता पा रही है कि सत्र का एजेंडा क्या है। यह सरकार देश के प्रति पारदर्शी और जिम्मेदार नहीं है। हमारा सिद्धांत है कि देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी इन मुद्दों पर चर्चा और सुझाव देने के लिए तैयार है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि जब कभी विशेष सत्र बुलाया जाता है तो इसके विषय की जानकारी सभी पार्टियों को दी जाती है। एक एजेंडा तय किया जाता है। हम पहली बार देख रहे हैं कि पीएम मोदी और उनके सहयोगियों ने भारत बैठक से ध्यान हटाने के लिए 5 दिवसीय विशेष सत्र की घोषणा की। इसे भी पढ़ें: Madhya Pradesh: सिंधिया का कांग्रेस पर निशाना, बोले- मोहब्बत की दुकान में सिर्फ नफरत का सामानपूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस सत्र के दौरान कौन-कौन से मामले उठाए जाएंगे, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है… आज कांग्रेस पार्टी ने फैसला किया है कि हम इस विशेष सत्र में हिस्सा लेंगे, लेकिन चर्चा जनता के मुद्दों पर होनी चाहिए। जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के बीच सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मामलों पर चर्चा हुई है और INDIA गठबंधन नेताओं से भी होगी। हम चाहते हैं कि विशेष सत्र में आर्थिक, राजनीतिक मुद्दों के साथ विदेश नीति और सीमाओं से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि विशेष सत्र में सरकार विपक्ष को साथ लेकर चलेगी। आज की बैठक के बाद हम मुद्दे चुनेंगे और मांग करेंगे कि सदन में खुलकर चर्चा हो।