सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच के खिलाफ लगे आरोपों के बीच कांग्रेस ने गुरुवार को एक बार फिर मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की। ‘प्रोफेशनल्स कांग्रेस’ के अध्यक्ष और डेटा एनालिटिक्स प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा कि जांच कराना राष्ट्रीय हित में है, क्योंकि विदेशी निवेशक चिंतित हो रहे हैं और भारत के शेयर बाजारों की साख पर संदेह है। उन्होंने कहा कि केवल एक निष्पक्ष, स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है, जिसमें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष बुच को तब तक के लिए पद से हटा दिया जाए, तभी भारत के शेयर बाजारों और अर्थव्यवस्था में विश्वास और भरोसा बहाल हो सकता है।Lots of skeletons are tumbling out of the cupboard of SEBI. SEBI is one of the nation’s most important institutions. When we talk about the 1991 liberalization under Dr. Manmohan Singh, one of the important setups was SEBI.On 10 August, a foreign research firm issued a report… pic.twitter.com/fviABucJdA— Congress (@INCIndia) September 5, 2024
प्रवीण चक्रवर्ती ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि देश की सबसे महत्वपूर्ण संस्थाओं में से एक सेबी से जुड़े एक के बाद एक कई राज सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “10 अगस्त को एक विदेशी शोध कंपनी ने सेबी अध्यक्ष और उनके परिवार के खिलाफ अपतटीय निधियों के संबंध में आरोपों वाली एक रिपोर्ट जारी की, जिसके लिए उन्होंने दस्तावेजी सबूत होने का दावा किया। यह आरोप किसी राजनीतिक दल ने नहीं बल्कि एक शोध कंपनी ने लगाया है। जवाब में मोदी सरकार के एक कैबिनेट मंत्री ने इस मुद्दे पर बात की।” Why the hesitation to conduct an impartial, objective inquiry?As a former financial professional myself, I have received several calls from foreign investors asking, “What is the status of the market regulator? Can we trust India’s securities market? What is happening with… pic.twitter.com/yBOLqDtbqS— Congress (@INCIndia) September 5, 2024
चक्रवर्ती ने पूछा कि उन्होंने सेबी के एक व्यक्ति के खिलाफ एक विदेशी शोध फर्म द्वारा लगाए गए आरोप पर प्रतिक्रिया क्यों दी? उन्होंने कहा, “सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच जवाब नहीं दे रही हैं, लेकिन आईसीआईसीआई जवाब दे रहा है। क्यों?” चक्रवर्ती ने यह भी बताया कि 500 सेबी अधिकारियों ने भारत सरकार को एक पत्र लिखा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि बुच के नेतृत्व में कामकाज का माहौल “दमघोंटू, अपमानजनक और भयावह” है।उन्होंने कहा, “आज एक समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि माधबी पुरी बुच के पास आईसीआईसीआई में काम करते समय दो नौकरियां थीं। वह ग्रेटर स्पेसिफिक कैपिटल नामक एक निजी इक्विटी फंड में भी कार्यरत थीं… हो सकता है कि बुच को एक वित्त पेशेवर के रूप में भर्ती किया गया हो, लेकिन इससे आरोपों और सवालों की एक लंबी सूची सामने आती है। क्या यह अधिक चिंता पैदा नहीं करता है?”SEBI Chairperson Madhabi Puri Buch is not responding, but ICICI is. Why? 500 SEBI officers have written a letter to the Government of India alleging that the work environment under Madhabi Puri Buch’s leadership is toxic, abusive and fearful.: Chairman of Professionals’… pic.twitter.com/ZrH8J24YaM— Congress (@INCIndia) September 5, 2024
कांग्रेस नेता ने पूछा कि निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ जांच करने में हिचकिचाहट क्यों है? कांग्रेस नेता ने कहा, “एक पूर्व वित्तीय पेशेवर के रूप में, मुझे विदेशी निवेशकों से कई कॉल आए हैं, जिसमें पूछा गया है, ‘बाजार नियामक की स्थिति क्या है? क्या हम भारत के प्रतिभूति बाजार पर भरोसा कर सकते हैं? बाजार नियामक की ईमानदारी के साथ क्या हो रहा है?’”चक्रवर्ती ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस देश में एक बहुत मजबूत शेयर बाजार चाहती है। उन्होंने कहा, “हम अपने शेयर बाजार में विदेशी पूंजी चाहते हैं। यह देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है। असली सवाल यह है कि यहां किसे संरक्षण दिया जा रहा है? ईडी माधवी पुरी बुच पर चुप क्यों है?” चक्रवर्ती ने कहा, “यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है। अगर विदेशी निवेशक चिंतित हो रहे हैं और बाजार नियामक के अध्यक्ष के खिलाफ आरोपों की एक श्रृंखला के कारण भारत के शेयर बाजारों की साख पर सवाल उठ रहा है, तो क्या इस मामले की जड़ तक पहुंचने और इसे हल करने के लिए जांच करवाना राष्ट्रीय हित में नहीं है?”सेबी की अध्यक्ष बुच ने पूर्व में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए कहा था कि उनकी वित्तीय स्थिति खुली किताब है।