हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अडानी समूह को लेकर हुए खुलासों को लेकर कांग्रेस लोकसभा और राज्यसभा में लगातार पीएम मोदी से सवाल पूछ रही है, लेकिन अब तक उनकी ओर से इस मामले पर एक शब्द भी नहीं बोला गया है। बुधवार को लोकसभा में और फिर गुरुवार को राज्यसभा में दिए अपने भाषण में भी पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर एक शब्द नहीं कहा। यहां तक कि अडानी का एक बार भी नाम तक नहीं लिया। सरकार के इस रवैये पर उसे घेरने के लिए कांग्रेस ‘हम अडानी के हैं कौन’ सीरीज के तहत पीएम मोदी से हर दिन तीन सवाल पूछ रही है। इसी के सीरीज के तहत शुक्रवार को भी कांग्रेस नेता जमराम रमेश ने पीएम मोदी से फिर से तीन सवाल पूछे।कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आज बयान में कहा कि पूरे देश ने अडानी समूह के व्यावसायिक हितों और सरकारी नीति का इस्तेमाल करके उसकी मदद करने की आपकी उत्सुकता के बीच करीबी रिश्ते को बहुत स्पष्ट रूप से देखा है। यह पैटर्न कृषि से लेकर ऊर्जा, ऊर्जा से लेकर परिवहन तक सभी क्षेत्रों में निरंतर बना हुआ है। ‘हम अडानी के हैं कौन’ श्रृंखला के तहत हम आज भी आप से तीन प्रश्न पूछ रहे हैं। इसी के साथ जयराम रमेश ने पीएम मोदी से निम्न तीन सवाल पूछे।पहला सवालसितंबर 2020 में आपके द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को भारत के किसानों से भारी विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण नवंबर 2021 में आप इन काले कानूनों को वापस लेने के लिए बाध्य हुए। इन काले कानूनों के रहते अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स इनका सबसे बड़ा लाभार्थी होता। परन्तु इन कानूनों के न होने के बावजूद अडानी भारतीय खाद्य निगम के साइलो अनुबंधों का प्रमुख लाभार्थी बन गया और इसे हाल ही में यूपी और बिहार में 3.5 लाख मीट्रिक टन भंडारण स्थापित करने का ठेका मिला है। इस बीच अडानी फार्म-पिक ने हिमाचल प्रदेश में सेबों की खरीद पर लगभग एकाधिकार स्थापित कर लिया है। क्या भारतीय कृषि का ऐसा कोई क्षेत्र है जिसे आपने अडानी समूह को सौंपने का प्रयास नहीं किया है?इसे भी पढ़ेंः हम अडानी के हैं कौन: जयराम रमेश ने आज फिर पूछे 3 सवाल- क्या मोदी सरकार ने सेबी पर जांच धीमी करने के लिए दबाव डाला था?प्रधानमंत्री से जुड़े अडाणी महाघोटाले पर हमारी “HAHK – हम अडानी के हैं कौन” श्रृंखला के छठे दिन PM से तीन सवाल।चुप्पी तोड़िए प्रधानमंत्री जी! pic.twitter.com/wqlGdUDSRE— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 10, 2023
दूसरा सवालनवीकरणीय ऊर्जा असीम संभावनाओं का एक और क्षेत्र है, जिसके संदर्भ में आपका एकमात्र लक्ष्य केवल अडानी की सहायता करना है। 14 जून 2022 को, अडानी समूह ने घोषणा की कि वह फ्रांस की टोटल एनर्जी के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी के अंतर्गत ग्रीन हाइड्रोजन में डॉलर 50 बिलियन का निवेश करेगा और गौर से देखिए! 4 जनवरी 2023 को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अडानी को सब्सिडी देने के उद्देश्य से 19,744 करोड़ रूपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को अपनी मंजूरी दे दी। यद्यपि टोटल एनर्जी ने इस उद्यम में अपनी भागीदारी को निलंबित कर दिया है, लेकिन क्या अडानी की कोई ऐसी व्यावसायिक घोषणा है, जिसे करदाता के पैसों से वित्त पोषित सब्सिडी प्रदान नहीं की गई?इसे भी पढ़ेंः अडानी मामले पर पीएम मोदी से कांग्रेस ने फिर पूछे 3 सवाल- LIC ने जोखिम भरे समूह में भारी निवेश कैसे किया?तीसरा सवालइस पूर्व शर्त को दरकिनार करते हुए कि एक संचालक को दो से अधिक हवाई अड्डों का संचालन नहीं सौंपा जाएगा, आप 2019 में छह में से छह हवाई अड्डों का संचालन अडानी समूह को सौंपने में सफल रहे। 1 फरवरी को ‘मित्र काल’ बजट भाषण में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि अगले चरण में 50 और हवाई अड्डे, हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रोम को पुनर्जीवित किया जाएगा। इनमें से कितने अडानी की झोली में जाएंगे? क्या आप यूपीए काल के उस नियम को बहाल करेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिस्पर्द्धा सुनिश्चित करने के लिए एक संचालक को संचालन के लिए मिलने वाले हवाईअड्डों की सीमा निर्धारित की गई थी या आप अडानी के हवाईअड्डों पर एकाधिकार का विस्तार करना जारी रखेंगे?गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने अडानी मामले पर हर रोज तीन सवालों की एक सीरीज शुरू की है। इसे नाम दिया है- ‘हम अडानी के हैं कौन?’ कांग्रेस नेता जयराम रमेश हर दिन लगातार ट्वीट कर पीएम मोदी से अडानी को लेकर तीन सवाल पूछ रहे हैं। लेकिन अभी तक पीएम मोदी या सरकार की ओर से इनमें से एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया गया है।