Nathuram Godse पर NIT प्रोफेसर की टिप्पणी की जांच पड़ताल के लिए समिति का गठन

कोझिकोड। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कालीकट (एनआईटी) ने एक महिला प्रोफेसर की हालिया उस विवादास्पद टिप्पणी की जांच पड़ताल के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसमें महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का कथित तौर पर महिमामंडन किया गया था। समिति का गठन प्रोफेसर ए शैजा के खिलाफ उनकी फेसबुक टिप्पणी के लिए पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के एक सप्ताह बाद किया गया है। शनिवार को यहां एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि संस्थान ने समितिके निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसमें कहा गया है कि संस्थान के अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि संस्थान किसी भी ऐसी टिप्पणी का समर्थन नहीं करता है जो महात्मा गांधी के सिद्धांतों और मूल्यों के खिलाफ हो। बयान में कहा गया है, ‘‘संबंधित टिप्पणी से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए, संस्थान ने घटना के विभिन्न पहलुओं की गहन जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।’’ इसमें कहा गया है, समिति एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करेगी और इसके निष्कर्षों के आधार पर उच्च अधिकारियों द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि एनआईटी-कालीकट शुचिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि उसके संकाय सदस्य सिद्धांतों का पालन करें। अधिकारियों ने यह भी कहा कि संस्थान एक सामंजस्यपूर्ण और समावेशी शैक्षणिक वातावरण बनाए रखने के लिए समर्पित है। यहां संस्थान में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की एक वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रोफेसर ए शैजा ने 30 जनवरी को फेसबुक पर टिप्पणी पोस्ट की थी, ‘‘भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है।’’  इसे भी पढ़ें: मंत्रियों और सरकारी कर्मचारियों को सब्सिडी वाली बिजली नहीं : Himanta Biswa Sarmaउन्होंने यह टिप्पणी एक वकील कृष्णा राज की पोस्ट पर की थी, जिन्होंने गोडसे की तस्वीर पोस्ट करते हुए शीर्षक दिया था, हिंदू महासभा कार्यकर्ता नाथूराम विनायक गोडसे, भारत में कई लोगों के नायक। एसएफआई, केएसयू और एमएसएफ सहित विभिन्न छात्र संगठनों द्वारा शहर के कई पुलिस थानों में प्रो. शैजा के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज करायी गईं थी, जिसके बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। प्रोफेसर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 लगाई गई है।