तेलंगाना के CM KCR ने किया साफ, हम न ही NDA और न ही INDIA के साथ, कांग्रेस पर साधा निशाना

केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में और दिल्ली सेवा विधेयक के खिलाफ संसद के दोनों सदनों में संख्या बल जुटाने के विपक्ष के प्रयासों के बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने ने घोषणा की कि उनकी पार्टी न तो विपक्षी गुट I.N.D.I.A, न ही भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ है। बुधवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए केसीआर ने स्पष्ट किया कि बीआरएस अकेली नहीं है क्योंकि उसके समान विचारधारा वाले साझेदार हैं।  इसे भी पढ़ें: President Droupadi Murmu से मिला 31 विपक्षी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल, मणिपुर मामले में हस्तक्षेप की मांग कीविपक्ष पर निशानाविपक्ष के बड़े गठबंधन- इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव एलायंस (आई.एन.डी.आई.ए.) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा, “यह आई.एन.डी.आई.ए. क्या है? उन्होंने (कांग्रेस) 50 साल से अधिक समय तक देश पर शासन किया और कोई बदलाव नहीं ला सके। देश परिवर्तन का आह्वान कर रहा है।” विपक्षी गुट या भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को समर्थन देने पर केसीआर का तटस्थ रुख महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले साल उन्होंने विपक्ष के एकजुट करने़ के प्रयासों के तहत उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख, अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इसे भी पढ़ें: गडकरी ने बाढ़ प्रभावित हिमाचल में मरम्मत कार्यों के लिए 400 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा कीमहाराष्ट्र में बीआरएसमहाराष्ट्र में बीआरएस के राजनीतिक कार्यक्रमों और गतिविधियों पर सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “बीआरएस (महाराष्ट्र में) विभिन्न स्तरों पर पार्टी समितियों के गठन की प्रक्रिया में है। भारत राष्ट्र समिति ने चुनावी बिगुल बजा दिया है और हमारी योजना है कार्यक्रम पहले ही शुरू हो चुके हैं। हमने 14.10 लाख कार्यकर्ताओं की एक ब्रिगेड तैयार की है, जिन्होंने महाराष्ट्र में पार्टी का जमीनी काम शुरू कर दिया है।’ बीआरएस सुप्रीमो ने कहा कि महाराष्ट्र में 50 प्रतिशत से अधिक जमीनी कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। प्रत्येक गांव में शेष कार्य अगले 15 से 20 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन प्राप्त हैं। इस मामले में कोई भी अन्य राज्य इसके करीब नहीं है। राज्य में नौकरियों और धन सृजन की भी अपार संभावनाएं हैं। हालाँकि, औरंगाबाद शहर (जिसका नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर कर दिया गया है) जल संकट से जूझ रहा है।