बलूचों के हमलों से डरा चीन, कराची में बंद होंगे चीनी बिजनेस, पाकिस्‍तान संग ड्रैगन की दोस्‍ती को बड़ा झटका

कराची: किसे मालूम था कि एक दिन चीन को पाकिस्‍तान में अपना बिजनेस बंद करने की नौबत आ जाएगी, मगर ऐसा हो रहा है। निक्‍केई ए‍शिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान की अथॉरिटीज ने चीन कुछ बिजनेस और दुकानों को अस्‍थायी तौर पर बंद करा दिया है। यह कदम आतंकी हमलों से इन्‍हें बचाने के मकसद से उठाया गया है। अथॉरिटीज का मानें तो आतंकी हमले, पाकिस्‍तान के सबसे महत्‍वपूर्ण अंतरराष्‍ट्रीय साथी के साथ रिश्‍ते को बिगाड़ सकते हैं। पिछले कुछ समय से पाकिस्‍तान में चीन के नागरिकों और प्रतिष्‍ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। कई खतरनाक आतंकी हमलों में कुछ चीनी नागरिकों की जान भी गई है। कराची में हमले का डर पाकिस्‍तान में चीनी प्रतिष्‍ठानों पर होने वाले आतंकी हमले द्विपक्षीय रिश्‍तों में बड़ी बाधा बन गए हैं। आर्थिक संकट से जूझते पाकिस्‍तान को चीन ने मदद भी चाहिए और ऐसे में चीनी प्रोजेक्‍ट्स उसके हितों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। आर्थिक संकट के बीच ही देश में आतंकवाद फिर से सिर उठाने लगा है। फरवरी में चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से इस पर संज्ञान भी लिया गया था। चीन की तरफ से नागरिकों को चेतावनी दी गई थी कि उन पर बड़ा खतरा हो सकता है। चीन की तरफ से बढ़ते दबाव और सीमित संसाधनों को देखते हुए कराची की पुलिस ने मार्च महीने के मध्‍य में कुछ चीनी बिजनेस को बंद करने का फैसला किया है। पुलिस को संभावित आतंकी हमलों के बारे में इंटेलीजेंस मिली थी।सुरक्षा प्रोटोकॉल्‍स में फेल चीन एक सीनियर पुलिस ऑफिसर की तरफ से कहा गया है, ‘बार-बार चेतावनी देने के बाद भी कई चीनी बिजनेस सुरक्षा के प्रोटोकॉल्‍स को लागू करने में असफल रहे हैं। इसकी वजह से उनके बिजनेस को तब तक के लिए बंद कराया जा रहा है जब तक संतोषजनक सुरक्षा के इंतजाम नहीं हो जाते हैं।’ इस पुलिस ऑफिसर की मानें तो कितने बिजनेस या दुकानों को बंद कराया जाएगा, इसकी संख्‍या बता पाना मुश्किल है। कराची पुलिस की तरफ से एक चीनी रेस्‍टोरेंट, सुपरमार्केट और एक मरीन प्रोडक्‍ट कंपनी को बंद करने का फैसला किया गया है।चीनी नागरिक बन रहे निशाना अप्रैल 2022 में सबसे खतरनाक आत्‍मघाती हमला हुआ था। कराची यूनिवर्सिटी के की कनफ्यूशियस इंस्‍टीट्यूट के करीब हुए इस हमले में तीन चीनी अध्‍यापकों और एक पाकिस्‍तानी ड्राइवर की मौत हो गई थी। जून 2020 में स्‍टॉक एक्‍सचेंज के करीब भी एक हमला हुआ था। इस स्‍टॉक एक्‍सचेंज पर आंशिक तौर पर चीन का ही नियंत्रण है।साल 2018 में कराची में चीनी दूतावास के करीब हमला हुआ था। इन सभी हमलों की जिम्‍मेदारी बलोच लिब्रेशन आर्मी (BLA) ने ली थी। सितंबर 2022 में एक बंदूकधारी ने डेंटल क्‍लीनिक पर कैशियर की हत्‍या कर दी थी। इस हमले में एक चीनी डॉक्‍टर और उनकी पत्‍नी भी घायल हुए थे। इस हमले की जिम्‍मेदारी एक सिंधी संगठन ने ली थी। टीटीपी के निशाने पर भी चीन इस्‍लामाबाद स्थित रिसर्च फर्म जियोपॉलिटिकल इनसाइट्स से जुड़ी फहाद नबील के मुताबिक कई आतंकी संगठन जैसे कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान (TTP) और आईएसआईएस-के भी अब चीनी नागरिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। जुलाई 2021 में एक बस जो इंजीनियर्स को लेकर जा रही थी जब खैबर पख्‍तून्‍ख्‍वां में एक बांध के करीब पहुंची तो इसे आत्‍मघाती हमले में निशाना बनाया गया। इसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें नौ चीनी मजदूर थे। इसके बाद मृत चीनी मजदूरों के परिवारों को पाकिस्‍तान को भारी-भरकम मुआवजा दिया था।