नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच संबंध ठीक नहीं हैं। एलएसी के पास उसकी ओर से की जा रही गतिविधियों के चलते दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी रहती है। इस बीच आज एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर से चीन के साथ रिश्ते को लेकर सवाल पूछा गया। जयशंकर ने चीन को स्पष्ट शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि दोनों के बीच संबंधों को लेकर गिरावट भारत ने नहीं बल्कि चीन ने पैदा की है। उन्होंने आगे कहा कि ताली दोनों हाथ से बजती है। इसका मतलब रिश्ते को चलाने के लिए दोतरफा प्रयास जरूरी होता है। जयशंकर ने चीन को दे दिया जवाब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज कोलकाता में ‘नया भारत और विश्व’ विषय पर बोल रहे थे। तभी उनसे किसी ने भारत-चीन के मौजूदा संबंधों को लेकरप सवाल किया। जयशंकर ने सीधे और स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में मौजूदा गिरावट भारत की ओर से नहीं, बल्कि चीन की ओर से पैदा की गई है। विदेश मंत्री ने कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है और किसी रिश्ते को चलाने के लिए दोतरफा प्रयास जरूरी होता है।जयशंकर ने याद दिलाया 1993 और 96 वाला समझौता जयशंकर से पूछा गया कि क्या दो एशियाई दिग्गजों के बीच कामकाजी संबंध हो सकते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘अंततः ताली बजाने के लिए दो हाथों की जरूरत होती है और चीन को भी व्यावहारिक रिश्ते में विश्वास होना चाहिए।’ जयशंकर ने कहा कि अगर बेहतर कामकाजी संबंध बनाए रखना है तो चीन को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी LAC पर 1993 और 1996 में हुए समझौतों का पालन करना होगा।